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मैन पावर की कमी बनी, शहर की सफाई व्यवस्था में अड़ंगा

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मैन पावर की कमी बनी, शहर की सफाई व्यवस्था में अड़ंगा
यह कैसी है निगम की व्यवस्था..सप्ताह में पांच दिन सफाई, शेष दिन शहर में गंदगी ही गंदगी छायी। मारे गंदगी के चारों और उठती बदबू, जगह जगह लगे गंदगी के ढेर से लोगों की सांसे दब रही है। अफसोस की सबकुछ जानते हुए भी निगम खामोश है। यहां यह बात बतानी आवश्यक होगी कि बात यह नहीं निगम की ओर से शहर में सफाई व्यवस्था का प्रबंध नहीं किया जाता।
निगम के पास जितनी मैन पावर है उस हिसाब से कई बार निगम द्वारा स्वच्छ भारत, स्वस्थ्य भारत मिशन के तहत प्रोग्राम और सफाई अभियान भी छेड़े गये परंतु परेशानी अब यह आ रही है कि सप्ताह के सात दिनों में पांच दिन तो शहर में सफाई व्यवस्था की ओर से निगम ध्यान दे रहा है परंतु शेष दो दिनों मे शहर गंदगी से भर जाता है। जिसकी सफाई छुट्टियों के कारण नहीं हो पाती। इसका मुख्य कारण मैन पावर की कमी बताया जा रहा है। बता दें कि निगम से पूर्व जब पठानकोट में नगर कौंसिल हुआ करती थी तो हमारे वार्ड हुआ करते थे तैंतीस और जब बना निगम तो बन गये वार्ड पचास। वार्डो की संख्या तो बढ़ गई लेकिन मैन पावर रही वहीं की वहीं। बात सफाई कर्मियों की करें तो वर्तमान में निगम के पास 156 पक्के सफाई कर्मी है। 150 सफाई कर्मी कच्चे है जो दो टाइम शहर में सफाई करते है। 155 ऐसे सफाई कर्मी है जो पार्टटाइम है, इनसे निगम दिन में मात्र दो घंटे ही शहर की सफाई का काम ले पाता है। जो कि पचास वाडों में सफाई करने हेतु निहायत ही कम है। इधर शहर के बुद्धिजीवियों की माने तो निगम को सप्ताह में सातो दिन शहर की सफाई व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्लान तैयार करना होगा। अब देखना यह है कि नई सरकार नया विधायक आने के बाद शहर की बंद पडी सीवरेज व्यवस्था व सफाई व्यवस्था में सुधार हो पाता है या नहीं। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
इतनी कम मशीनरी, कैसे दिखे शहर साफ
निगम के पास पचास वार्डो की सफाई का जिम्मा है लेकिन इनके पास मात्र आठ ट्रालियां, बीस आटो तथा एक जेसीबी मशीन सफाई के काम में लायी जाती है जो कि निहायत ही कम है। ऐसे में आप स्वयं ही अंदाजा लगा सकते है हमारा शहर कितना साफ साफ दिख सकता है।
इन इलाकों में है गंदगी..
सरकारी छुट्टियों के दौरान माडल टाउन, सैनगढृ चौक, भगत दा मंदिर मीरपुर कालोनी के निकट, माडल टाउन से नई सब्जी मंडी गेट के पास गंदगी के ढेर, डलहौजी रोड, सियाली रोड, मेन बाजार, गाडी अहाता चौक, कालेज रोड, चारमरला क्वार्टर, अबरोल नगर, इंदिरा कालोनी मार्ग, डलहौजी रोड श्री रामशरनम कालोनी के निकट जहां जिलाधीश का बोर्ड भी लगा है, श्री रामलीला ग्राउंड के बाहर जहां स्मार्टबिन डस्टबिन भी लगा रखा है परंतु इसके बावजूद बाहर गंदगी बिखर रही है।
क्या कहते है हेल्थ आफिसर.
इस बारे में जब नगर निगम पठानकोट के हेल्थ आफिसर एनके ¨सह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निगम के पास जितनी मैन पावर है उसके हिसाब से शहर में सफाई की जा रही है। सफाई कर्मियों को साल की सिर्फ चार छुट्टिया ही दी जाती हैं। इनसे शेष दिन सफाई का कार्य लिया जाता है। मैन पावर की कमी उच्चाधिकारियों के ध्यान में है, जिसे शीघ्र ही पूरा करने के प्रयास किये जा रहे है। इसके अतिरिक्त शहर की सफाई को चेक करने के लिए तीन सेनेटरी इंस्पेक्टर, तीन चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर तैनात किये गये है। फिर भी यदि किन्ही इलाकों में गंदगी के ढेर है तो उन्हें तुरंत पहल के आधार पर हटाया जाएगा। शहर को साफ सुथरा बनाया जाएगा।


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