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अब 10 रुपये में कपड़े व जूट का बैग बेचेगा वन विभाग

अब 10 रुपये में कपड़े व जूट का बैग बेचेगा वन विभाग

अब 10 रुपये में कपड़े व जूट का बैग बेचेगा वन विभाग

करीब एक साल बाद शहर को प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त बनाने के लिए एक बार फिर योजना पर काम शुरू हुआ है। इस बार शहर को प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े तथा जूट के बैग देने का संकल्प वन विभाग के नवनियुक्त डीएफओ डॉक्टर संजीव तिवारी ने उठाया है।
डाक्टर तिवारी के अनुसार मात्र 10 रुपये में बिकने वाले इस कपड़े तथा जूट बैग से प्लास्टिक बैग के कारण जमीन की उर्वरा शक्ति को क्षीण होने से बचाया जा सकेगा। प्लास्टिक से जहां पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है वहीं वृक्षों की जड़ों के साथ चिपके जाने के कारण वन सम्पदा का भी नुकसान हो रहा है। विभाग की ओर से तैयार की गई इस योजना से जहां पर्यावरण संरक्षण के लिए काम होगा वहीं जिला भर में बने 70 सेल्फ हेल्प ग्रुपों से जुड़े हजारों लोगों को भी रोजगार मिल पाएगा। वर्तमान समय में इस 70 में से मात्र सात से दस ही ऐसे ग्रुप है जोकि सक्रियता से काम कर रहे हैं। शेष ग्रुपों के सदस्यों के पास या तो धन का अभाव है अथवा संसाधनों की कमी होने के कारण इन दिनों पूरी तरह से बंद पड़े हुए है। जिला के नवनियुक्त डीएफओ ने गत सप्ताह ही अपना पदभार संभालने के बाद इन सेल्फ हेल्प ग्रुपों के साथ बैठक कर,उनके लिए रोजगार के नए साधन मुहैया करवाने का प्रण लिया है।
डीएफओ डाक्टर संजीव तिवारी ने कहा कि गत दिवस बैठक के दौरान सेल्फ हेल्प ग्रुपों ने उनके पास पहले से पड़ी मशीनरी के खराब होने तथा नई मशीनरी की मांग भी की है। वन विभाग प्रयास करेगा कि जो मशीनरी खराब है,उसे पहले ठीक करवाकर इस प्रोजेक्ट को शुरू करवाया जाए। ग्रुप से जुड़े लोगों को कहा गया है कि वह तीन तरह के बैग तैयार करें। इसमें पुरानी चादरों एवं कपड़ों के बैग तैयार किए जाए। इसके साथ ही जूट अथवा कपड़ा प्लस जूट का मिक्स मिश्रण कर बैग तैयार करवाएं। उन्होंने बताया कि तैयार किए इन बैग की कीमत दस रुपये से कम रखी जाएगी । आगामी सप्ताह तक इस बैग का सैंपल मार्केट में आ जाएगा।
समाज सेवी संस्थाओं का भी लिया जाएगा सहयोग-
वन विभाग के अधिकारियों ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए तथा शहर को प्लास्टिक बैग मुक्त बनाने के लिए समाज सेवी संस्थाओं से भी सहयोग मांगा है। इसके साथ ही शहर में प्लास्टिक बैग बेचने वाले दुकानदारों तथा रेहड़ी चालकों के साथ ही आगामी दिनों में बैठक कर,उन्हें कपड़े एवं जूट के बैग का प्रयोग करने के लिए कहा जाएगा।
अप्रैल,2016 को शुरू हुई थी योजना,4 महीने के बाद ही ठप्प हो गई थी योजना
जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से पठानकोट को प्लास्टिक कैरी बैग से मुक्त करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया था। शहर के समस्त दुकानदारों,होलसेल तथा रेहड़ी चालकों को हिदायतें की गई थी कि वह प्लास्टिक युक्त बैग का प्रयोग न करें। लेकिन यह योजना मात्र 4 माह बाद विधानसभा चुनाव के दौरान ठप पड़ गई। इन दिनों शहर में प्लास्टिक कैरी बैग धड़ल्ले से बिक रहा है।
डीसी नीलिमा से हुई बैठक, मिली संस्तुति-: डीएफओ
डीएफओ डाक्टर संजीव तिवारी ने कहा कि पठानकोट को प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त बनाने के लिए बीते कल ही डीसी नीलिमा से बैठक हुई है। उन्होंने इस सारे प्रोजेक्ट पर मोहर लगाई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद जिला भर की सेल्फ हेल्प ग्रुपों के साथ बैठक शुरू कर दी है। अगले सप्ताह तक इसका सैंपल बाजार में आ जाएगा। इसके बाद दुकानदारों तथा रेहड़ी चालकों से बात कर उन्हें प्लास्टिक बैग न बेचने की बजाए इन बैग का प्रयोग करने की अपील की जाएगी।


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