रेलवे से बिना मंजूरी करवाए जा रहे काम को बंद हुए बीस दिन से अधिक का समय बीत चुका है। रेलवे काम नहीं करने दे रहा, जिस कारण उक्त एरिया से संबंधित लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इंटरलाकिग का काम रुकने के कारण शहर के पंद्रह से अधिक एरिया दो भागों में बंटे हुए हैं।
कारण यह है कि रेलवे यार्ड से चक्की क्वारी तक निकलने वाली रेलवे लाइन के ट्रैक की रिपेयर की थी। इससे उक्त ट्रैक की ऊंचाई बढ़ गई थी। ट्रैक की ऊंचाई बढ़ने के बाद काली माता मंदिर मार्ग से लेकर एबी कालेज रोड तक रेलवे ट्रैक के दोनों और पड़ते करीब बीस से अधिक मोहल्लों के लोग दो भागों में बंट गए थे। समस्या को लेकर लोग विधायक अमित विज से मिले थे, जिन्होंने सरकार से विशेष फंड लेकर उक्त काम को करवाने का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को सौंपा था। पीडब्ल्यूडी ने फरवरी में उक्त 3.46 करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू करवा दिया था, लेकिन बीती एक मार्च को रेलवे के पीडब्ल्यूआइ (पब्लिक वर्कस इंस्पेक्टर) भूपिद्र सिंह आरपीएफ को लेकर प्रीतनगर पहुंच गए थे। उन्होंने लाइन के साथ चल रहे इंटरलाकिग टायलें व ड्रेनेज के काम को तुरंत प्रभाव से रुकवाते हुए जेसीबी को अपने कब्जे में लिया था। बात का पता चलते ही ठेकेदार वहां पर पहुंच गया और उसने जेसीबी को थाने में न ले जाने की बात कही। इस दौरान रेलवे अधिकारियों व ठेकेदार के बीच जमकर बहसबाजी हुई। करीब एक घंटा तक दोनों के बीच हुई बातचीत के बाद रेलवे अधिकारियों ने जेसीबी को यह कह कर छोड़ दिया कि अगर फिर काम करते दिखे तो जेसीबी को तो जब्त करेंगे ही साथ ही मामला भी दर्ज करेंगे। इसके बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कहा था कि रेलवे से एनओसी मिलने के बाद ही काम को दोबारा शुरू करवाया जाएगा, लेकिन इसे बीते हुए 21 दिन का समय हो गया है, परंतु काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया। इससे लोगों में विभाग के प्रति रोष है।