वसंत पंचमी पर्व पर द्वारिकापुरी मंदिर में ग्वाल सखा मंडल के बच्चों द्वारा हवन कर मां सरस्वती की पूजा की गई। अरविद पराशर ने बच्चो को वसंत पंचमी के महत्व के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि यह उत्सव विद्या की देवी सरस्वती का प्राकट्य दिवस है। विद्या, वाणी और बुद्धि प्रदाता मां सरस्वती सब पर कृपा करें।
इस दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि मां सरस्वती की पूजा करने से विद्या और वुद्धि में वृद्धि होती है। लोगों को माता सरस्वती की पूजा अर्चना करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि वसंत पंचमी हमें प्रकृति की पूजा करने के लिए भी प्रेरित करती हैं।
इस शोभा पाराशर, दिव्या पाराशर, निधि, विशाल, विनोद, उत्कर्ष, स्वरित, माधवी, वत्सल, भरत, अरमान, तेजस, खुशी, साक्षी, मौली, रिया आदि उपस्थित थे।
कंजक पूजन के बाद लगाया भडारा
गांव नंगल में गोत्र बिरादरी ने हवन व कंजक पूजन के बाद भंडारा करवाया। इस मौके पर पूर्व सरपंच जोगिदर सिंह ने बताया कि वसंत पंचमी के पावन अवसर पर कर कोरोना काल के इस संकट को दूर करने के लिए बाबा झंडा सिंह जी कुल देवता की पूजा अर्चना की गई हैं। इस दौरान हवन में आहुतियां डाली और दोपहर को एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया है। इस मौके पर सुरजीत सिंह, कर्म सिंह, नंबरदार शाम सिंह, मग्घर सिंह, रूप सिंह, जागर सिंह, सुरिदर सिंह, मलकीत सिंह, संजीव सिंह, गगन सिंह, रमेश सिंह, शमशेर सिंह, केशव सिंह, नरदेव सिंह, नरिदर सिंह, सौरव गोत्तर, सनी गोत्तर, भूपिदर सिंह व गोत्तर परिवार के लोग उपस्थित थे।