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राक गार्डन की तरह तीन दिन में बनाया वेस्ट से बेस्ट

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यदि वेस्ट मैटीरियल का सही प्रकार से इस्तेमाल किया जाए तो यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बन सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पठानकोट नगर निगम की हेल्थ ब्रांच ने। निगम की हेल्थ ब्रांच ने कुरुक्षेत्र की ग्रीन अर्थ एनजीओ के साथ मिलकर तीन दिन में ही वेस्ट मैटीरियल से एक पार्क बनाई है जो आने वाले दिनों में शहरवासियों के लिए न सिर्फ आकर्षण का केंद्र बनेगी, बल्कि यह संदेश भी देगी कि वेस्ट मैटिरियल कैसे सुंदरता को बढ़ा सकता है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में अपने आप में यह पहला पार्क है जिसे निगम की टीम ने संस्था के साथ मिल कर तीन दिन में तैयार किया है। हेल्थ ब्रांच द्वारा बनाई गई पार्क का मंगलवार को एडीसी कम निगम के एडिशनल कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने दौरा कर जायजा लिया। हेल्थ ब्रांच द्वारा एनजीओ के साथ मिल कर बनाई गई पार्क के काम पर संतुष्टि जताते हुए एडीसी ने ब्रांच की टीम को बधाई भी दी।

इन चीजों को इस्तेमाल कर बनाई गई है कंपोस्टिंग पार्क

कुरुक्षेत्र की ग्रीन अर्थ संस्था के फाउंडर मेंबर व स्वच्छ भारत मिशन के फाउंडर कम असिस्टेंट डायरेक्टर डाक्टर नरेश के नेतृत्व में पिछले सप्ताह टीम ने एमसी कालोनी में कंपोस्टिंग पार्क बनाने का फैसला किया था। संस्था के साथ मिलकर निगम ने तीन दिनों में ही उक्त पार्क का निर्माण किया। पार्क में पुरानी फ्लश सीट, वाश वेसन, पुराने शटर वाले टीवी, टूटी हुई अटैची, टूटी बाल्टियां, पुराने कंडम हो चुके टायर, पालीथिन के लिफाफे, टूटे गमलों व पुरानी बोतलों को फिर से इस्तेमाल किया गया है।

बनाई गई 101 कंपोस्टिंग पिट्स से भी किया जा रहा कूड़े का समाधान

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्टर करने की मुहिम के तहत निगम ने पिछले वर्ष 65 और इस साल करीब 37 अलग-अलग स्थानों पर कंपोस्टिंग पिट्स बनाई है। अभी तक करीब 20 कंपोस्टिंग पिट्स से पांच क्विंटल से ज्यादा खाद तैयार की गई है। निगम के मेडिकल आफिसर डाक्टर एनके सिंह ने कहा कि तैयार हुई खाद सभी मापदंडों पर खरी उतरती है।

माई गार्बेज, माई रिस्पांसबिलिटी का संदेश देती है कंपोस्टिंग पार्क : एडीसी

निगम के एडिशनल कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वेस्ट मैटीरियल से तैयार की गई कंपोस्टिंग पार्क शहरवासियों के लिए प्रेरणा दायक साबित होगी। पार्क हमें संदेश देती है कि बेशक हमारे घर में जगह कम है। बावजूद इसके हम अपने घरों से निकलने वाले कूड़े का स्थायी समाधान कर सकते हैं। कूड़े को पुरानी बाल्टियों के जरिए घरों की छत्तों व घर के बाहर रख कंपोस्ट कर सकते हैं। भविष्य में ऐसे प्रोजेक्ट आम नागरिक के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

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