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सिविल के 17 कूलरों में मिला डेंगू का लारवा, चालान फिर भी नहीं

लोगोंको डेंगू के डंक से बचाव के लिए सेमिनार और मीटिंगें आयोजित करने वाला सेहत विभाग इतना लापरवाह है कि विभाग के आने ही सिविल अस्पताल के 17 कूलरों में लारवायुक्त गंदा पानी मिला है। हैरानी की बात तो यह है कि चीफ सेक्रेटरी के निर्देश पर चेकिंग करने पहुंची निगम और सेहत विभाग की ज्वाइंट टीम ने भी सिविल में चालान करने की बजाय यह कहकर टाल दिया कि गवर्नमेंट डिपार्टमेंट का मामला है।

ज्वाइंट टीम के चेकिंग अभियान शुरू करने के पहले ही दिन सिविल अस्पताल के कूलरों में काई जमी थी और लारवा पाया गया। यह सब देख सेहत विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए। टीम ने हैरानी जताते हुए कहा कि यह कूलर कभी साफ ही नहीं किए गए।

टीम ने भी सेहत विभाग पर दरियादिली (भाईबंदी) दिखाते हुए यह कहकर चालान नहीं किया कि सैंपलों की जब रिपोर्ट आएगी, तब अगली कार्रवाई की जाएगी। जबकि, ड्राइ-डे पर कूलरों में पानी मिलने पर मौके पर 500 रुपए का चालान काटने का प्रावधान है। टीम में निगम से चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर जानू चलोत्रा, दीपक कुमार सेहत विभाग से डाॅ. सुनीता, हेल्थ इंस्पेक्टर अविनाश लारवा स्पेशलिस्ट कुलदीप समेत टीम ने पहले मेल फीमेल वार्ड के कूलर चेक दिए। फिर इसके बाद जब नशा छुड़ाओ केंद्र में लगे एक-एक करके बाकी कूलर चेक किए गए तो सभी में गंदा पानी, काई और लारवा मिला।

बीते साल में मिले थे 55 मरीज

2015में निजी अस्पतालों को मिलाकर जिले में डेंगू के 185 संदिग्ध मरीजों में 55 केस पॉजीटिव पाए गए थे।

डेंगू के 4 संदिग्ध मरीज मिले

सिविलमें डेंगू के 4 संदिग्ध मरीजों के एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल आए हैं। इसमें सेहत विभाग का एक कर्मी भी शामिल है।

नशा छुड़ाओ केंद्र में लगे कुलरों में लारवा चेक करती टीम।

नगर निगम टीम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर जानू चलोत्रा से जब भास्कर ने पूछा कि मौके पर चालान काटना होता है तो वह सरकारी डिपार्टमेंट की बात कहकर बात को टाल गए। वहीं, सिविल सर्जन डाॅ. नरेश कांसरा ने एसएमओ को फटकार लगाई और कहा कि ऊपर से आदेश हैं कि हफ्ते में ड्राई-डे पर कूलरों को खाली करवाया जाए, लेकिन ऐसा क्यों नहीं हो रहा।

SOURCE: goo.gl/6YKXE7


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