साफ-सफाई और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में पठानकोट सिविल अस्पताल अव्वल

देशभर के सरकारी अस्पतालों के बीच हुई राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रतियोगिता में पठानकोट सिविल अस्पताल को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट (एनक्यूएएस) से नवाजा गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिल्ली ने पठानकोट सिविल अस्पताल को देशभर में 87 फीसद अंकों के साथ उच्चतम स्तर का अस्पताल घोषित किया है।

एनक्यूएएस मिलने के बाद सिविल अस्पताल प्रबंधन में खुशी की लहर दौड़ गई है। एसएमओ डाक्टर भूपिन्द्र ¨सह ने समूह स्टाफ को बधाई दी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रमाण पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया गया। सिविल सर्जन डाक्टर नरेश कांसरा, एसएमओ डाक्टर भूपिन्द्र ¨सह ने इस उपलब्धि को अस्पताल के समूह स्टाफ को दिया है।

गौर हो कि एसएमओ डाक्टर भूपिन्द्र ¨सह के नेतृत्व में वर्ष-2015 में आयोजित हुई राज्यस्तरीय कायाकल्प योजना प्रतियोगिता में पठानकोट सिविल अस्पताल दूसरे स्थान पर रहा था। इसके बाद सिविल अस्पताल ने स्वास्थ्य एवं क्वालिटी मामले में लोगों को सुविधाएं प्रदान करने में पीछे मुड़ कर नही देखा और वर्ष-2016 में फिर इसी प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त कर खिताब अपने नाम कर पठानकोट का नाम राज्य में रौशन किया। इसके बाद नजर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रतियोगिता के तहत नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट लेने पर थी जो कि बीते वर्ष 2016 में मेडिकल अस्पताल अमृतसर को मिला था।

अप्रैल में टीम पहुंची थी पठानकोट
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की जांच टीम इसी वर्ष 20,21,22 अप्रैल को पठानकोट सिविल अस्पताल पहुंची और स्वास्थ्य एवं स्वच्छ प्रबंधों की जांच की। इसके बाद अपनी रिपोर्ट में पठानकोट सिविल अस्पताल को राज्य में सबसे अधिक 87 फीसद अंकों के साथ उच्चतम स्तर का अस्पताल घोषित किया। जांच टीम ने अस्पताल के करीब 30 हजार प्वाइंट को जांचा था, जिसमें अस्पताल के ब्लड बैंक, इमरजेंसी, एडमिसट्रेटर विभाग, ओपीडी, एसएनसीयू, कैंटीन, लांडरी, मेडिकल रिपोर्ट टीम, लेबर, दर्जा चार कर्मी व स्टाफ को बारीकी से जांचा-परखा और प्वाइंटों की मार्किंग की थी।

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