पनबसों के पहिए थमे, 85 में से चले मात्र चार बसें

नियमित किए जाने की मांग को लेकर पनबस कर्मी तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि कैप्टन सरकार ने चार साल तक केवल उन्हें भ्रमित किया है। उनके साथ किया वायदा पूरा नहीं किया। इस कारण वह मजबूरी में ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर हैं। 24 फरवरी को पनबस यूनियन ने हड़ताल करने का एलान कर दिया था कि बजट में यदि उन्हें रेगुलर करने की बात न हुई तो 11 से 13 मार्च तक की हड़ताल करेंगे। प्रधान सुखविदर सिंह के नेतृत्व में बैठे समूह पनबस कर्मियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। शुक्रवार को सभी डिपो से पदाधिकारी व पचास फीसद सदस्य पटियाला में होने वाली रैली में भाग लेंगे। हड़ताल के कारण सुबह 9 बजे तक रोडवेज व पनबस के करीब 12 रूट मिस हुए। इसमे चंडीगढ़ के छह, जालंधर के तीन, अमृतसर के तीन रूट मिस हुए। दोपहर तक यह आकड़ा बढ़ कर चालीस तक पहुंच गया। जबकि, पूरा दिन में 81 रूट मिस होने से डिपो को नौ लाख के करीब नुकसान उठाना पड़ा। सरकारी बस सेवा प्रभावित होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *