पंजाब में शिक्षकों व छात्रों की अद्भुत मुहिम, ऑनलाइन टेस्ट के लिए जरूरतमंद स्टूडेंट्स को दिए स्मार्टफोन

पठानकोट के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल तंगोशाह के शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों ने कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मदद कर भाईचारे की अद्भुत मिसाल कायम की है। 13 जुलाई से छठी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के तिमाही ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट शुरू हो रहे हैं।

आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों जिनके पास स्मार्टफोन नहीं थे वे टेस्ट दे पाएं, इसलिए ऐसे छात्रों को 82 स्मार्टफोन उपलब्ध करवाए हैं। छात्रों के साथ शिक्षकों ने गांव-गांव जाकर संपन्न परिवारों से भी मदद की अपील की है। शिक्षकों और छात्रों की मेहनत रंग लाई और कई परिवारों और अभिभावकों ने अपने मोबाइल फोन कुछ दिन के लिए जरूरतमंद छात्रों को दे दिए हैं।

भारत-पाक सीमा से करीब 17 किलोमीटर दूरी पर गांव तंगोशाह है। गांव के स्कूल का नाम शहीद मेजर कुलवीर सिंह राणा के नाम पर है। सीमावर्ती क्षेत्र के इस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कई ऐसे छात्र भी पढ़ते हैं जिनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। बच्चों के लिए स्मार्टफोन नहीं खरीद सकते।

कोविड-19 महामारी में स्कूल बंद हैं और कक्षाएं ऑनलाइन लग रही हैं। अब शिक्षा बोर्ड तिमाही ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट लेने जा रहा है। यह टेस्ट देने के लिए स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन होना जरूरी है। ऐसे में बिना मोबाइल आर्थिक रूप से कमजोर इन छात्रों के लिए ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट देना संभव नहीं था। शिक्षकों ने बैठक कर रणनीति बनाई। बच्चों के साथ जाकर गांव में संपन्न परिवारों व अभिभावकों से कुछ दिन अपना स्मार्टफोन छात्रों को देने की अपील की।

इस मुहिम का असर यह हुआ कि किसी छात्र के पिता, किसी की माता और किसी की बहन ने अपने स्मार्टफोन ऑनलाइन टेस्ट के लिए जरूरतमंद छात्रों को दे दिए। देखते ही देखते जरूरतमंद छात्रों के लिए 82 स्मार्टफोन का प्रबंध हो गया। दूसरी बड़ी चुनौती इन स्मार्टफोन में इंटरनेट पैक रिचार्ज करने की थी। इसके लिए स्कूल के शिक्षक खुद सामने आए और इन बच्चों स्मार्टफोन को रिचार्ज करवा दिया।

20 अंक का होगा टेस्ट

अप्रैल से लेकर जून तक तीन महीने में छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से कितना सीख पाए हैं, इसका आकलन करने के लिए तिमाही ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट लिया जा रहा है। इसके अंक छात्रों की वार्षिक परीक्षा में भी जोड़े जाएंगे। पेपर वाट्सएप जरिये भेजा जाएगा। कुल अंक 20 होंगे।

दिल को छू गईं मदद के लिए आगे आए लोगों की बातें

गांव तंगोशाह के ठाकुर विक्रम सिंह कहते हैं कि कोई बच्चा स्मार्टफोन न होने के कारण पढ़ाई न कर पाए और टेस्ट न दे पाए यह हमारे लिए दुखद था। उन्होंने खुद तारागढ़ जाकर छात्र दीपक कुमार को अपना स्मार्टफोन पहुंचाया है।

होमगार्ड में तैनात रोशन लाल का कहना है कि बच्चे सभी के साझे होते हैं। स्मार्टफोन के कारण बच्चों का भविष्य खराब नहीं होना चाहिए। जब शिक्षकों ने ऐसी समस्या बताई तो वे कुछ दिन के लिए अपना स्मार्टफोन देने के लिए तैयार हो गए।

इलेक्ट्रिशियन कुलदीप सिंह की बेटी प्रीति बारहवीं में पढ़ती है। सभी कक्षाओं के ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट का समय व दिन अलग है। गांव के जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है अब प्रीति टेस्ट के लिए अपना फोन उन बच्चों को उपलब्ध करवाएगी।

बच्चों को स्मार्टफोन ऑपरेट करना भी सिखाया : प्रिंसिपल

स्कूल के प्रिंसिपल प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह कहते हैं कि वाइस प्रिंसिपल विनय शर्मा, लेक्चरर कमल कुमार, राजेश कुमार, जतिंदर कुमार और मीनाक्षी के प्रयास से यह प्रयास रंग लाया है। अब स्कूल के सभी बच्चे ऑनलाइन टेस्ट दे पाएंगे। बच्चों को स्मार्टफोन ऑपरेट करना भी सिखा दिया है।

एकता व सहयोग का संचार होगा : डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी सरदार जगजीत सिंह और डिप्टी डीइओ राजेश्वर सलारिया ने स्कूल के छात्रों, अभिभावकों और स्टाफ की प्रशंसा की है। ऐसे प्रयासों से समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना का संचार होगा।

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