पराली जलने से होने वाले नुक्सान के बारे बताया

डिप्टी कमिश्नर नीलिमा के दिशानिर्देशानुसार खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. इंद्रजीत ¨सह के नेतृत्व में वातावरण में घुलते जहर से लोगों को बचाने के लिए गांव सोली भोली में सेमिनार का आयोजन किया गया।

इस दौरान सहायक कमिश्नर जरनल अशोक शर्मा बतौर मुख्य अतिथि व जिला शिकायत निवारण अधिकारी गुर¨वद्र ¨सह जौहल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

इस मौके पर डॉ. अमरीक ¨सह ब्लाक खेतीबाड़ी अधिकारी, खेतीबाडी विकास अफसर डॉ. संदीप ¨सह, फसल विज्ञान माहिर डॉ. अमित कुमार कौल, पौध रोग माहिर डॉ. सुनील कुमार, गुरदित्त ¨सह, खेतीबाडी विस्थार अफसर सुभाष चंद्र, दीप कुमार, सुदेश कुमार, खेतीबाडी उपनिरीक्षक सुनील कुमार, रछपाल ¨सह, बल¨वद्र ¨सह सुकालगढ, गुर¨वद्र ¨सह, धर्म ¨सह आदि किसान भी थे। इस दौरान वातावरण की संभाल संबंधी किसानों को जागरूक करते हुए सहायक कमिश्नर जनरल अशोक शर्मा ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल अनुसार फसलों के अवशेषों को जलाना अपराध है।

इन अवशेषों को किसी भी सूरत में न जलाएं। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने से कई प्रकार की जहरीली गैस निकलती है जो पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाती है। जिससे मानव की सेहत पर भी बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है। गुर¨वद्र ¨सह जोहल ने कहा कि किसानों को अपनी खेती, आमदन में बढोतरी करने के लिए हमें स्वयं मंडीकरण करना चाहिए।

उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान बाजारों में अपने खेती उत्पादकों की बिक्री करें। डॉ. अमरीक ¨सह ने कहा कि प्रति एकड़ पेडों में गिनती 32 से 33 हजार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए संतुलित खाद का इस्तेमाल किया जाये।

इस दौरान किसानों में बल¨वद्र ¨सह, गुर¨वद्र ¨सह, रछपाल ¨सह ने किसान बाजार को अधिक फायदेमंद बताया। अंत में गुरदित्त ¨सह ने आये हुए किसानों का आभार जताया।

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