संवाद सहयोगी, पठानकोट : पठानकोट सिविल अस्प्ताल के ब्लड बैंक में रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को मिलने वाली रिफ्रेशमेंट को लेकर अस्पताल प्रबंधन एक बार फिर से घिर गया है। यहां रक्तदाताओं को सरकार की ओर से निश्चित रिफ्रेशमेंट में मात्र खानापूर्ति ही की जा रही है। यह दावा पठानकोट की प्रसिद्ध रक्तदान संस्था पठानकोट ब्लड डोनर व ब्लड वोक्स डोनर संस्था ने किया है। इसकी शिकायत वीरवार को संस्था के पदाधिकारियों ने सिविल सर्जन को की है। सिविल सर्जन ने एक सप्ताह के भीतर समस्या को हल करने का भरोसा दिया है।
संस्था के पदाधिकारी विक्की रिहान, रवनीत ¨सह, दीपक, योगेश, मुनीश सब्बरवाल, अनिल कुमार आदि ने संयुक्त रूप में सिविल सर्जन डाक्टर नरेश कांसरा से भेंट कर उन्हें बताया कि उनकी संस्था जरूरतमंद मरीजों का जीवन बचाने में निरंतर ब्लड डोनेट कर रही है। इसके लिए न केवल पठानकोट प्रशासन ने बल्कि सेहत विभाग तथा बाहरी राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों से संस्था को सम्मान मिला है। बड़े दुख की बात है कि पठानकोट सिविल अस्पताल का ब्लड बैंक अपने रक्तदाताओं को नाममात्र रिफ्रेशमेंट उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी ब्लड बैंक में ऐसी व्यवस्था महीनों तक चली थी। तभी भी उन्होंने इस ब्लड बैंक की शिकायत सिविल सर्जन से की थी जो 26 जनवरी के प्रोग्राम में सिविल सर्जन ने यकीनी बनाया था कि रक्तदाताओं को पूरी डाइट उपलब्ध होगी। उनके निर्देशों के बाद तत्काल प्रभाव में आया ब्लड बैंक ने रक्तदाताओं को एक जूस, एक दूध की बोतल तथा दो केले की रिफ्रेशमेंट देनी शुरू कर दी थी परंतु यह सिलशिला कुछ देर ही चला। ब्लड बैंक की ओर से कम रिफ्रेशमेंट देने की यह आदत अब भी बरकार है। अब ब्लड बैंक रक्तदाता को केवल एक जूस का पैकेट ही दे रही है। संस्था की मांग है कि रक्तदाताओं को सरकारी की ओर से सही रिफ्रेशमेंट उपलब्ध करवाई जाए।
स्टाक की सूचना न ऑनलाइन न ही बोर्ड पर
पठानकोट ब्लड डोनर संस्था के पदाधिकारियों ने आरोप भी लगाया कि पठानकोट ब्लड बैंक में सैंकड़ों लोग रक्तदान कर भी रहे हैं,और मरीज प्राप्त भी कर रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में बैंक के पास ब्लड यूनिट का कितना स्टाक बकाया है और किस-किस ग्रुप का है। इसका डाटा बैंक की ओर से ऑनलाइन नही है। यहां तक कि ब्लड बैंक के बाहर जो स्टाक डिटेल का बोर्ड लगाया गया है,उस पर भी एंट्री नही दिखती।
एक सप्ताह के भीतर मिलेगा सुधार : डॉ. कांसरा
सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कांसरा ने संस्था के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर ब्लड बैक की सारी कमियों को दूर करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रक्तदाता ब्लड बैंक की शान हैं। इन्हीं के कारण ब्लड बैंक चल रहा है। इनका ख्याल रखने के लिए विभाग द्वारा प्रति डोनर पर रिफ्रेशमेंट के रूप में 50 रूपये प्रति खर्च करने का प्रावधान है जिसमें जूस, दूध तथा बिस्किट या फ्रूट देना तय है। यदि रिफ्रेशमेंट कम मिल रही है तो वह शीघ्र ही इसकी व्यवस्था बेहतर करवा दी जाएगी।