जिला में चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने तथा सीमा पार से आतंकियों के लगातार पठानकोट में घुसपैठ करने के प्रयासों को विफल बनाने के लिये जिला पुलिस ने ठीकरी पहरे लगाने का निर्णय लिया है।
जिलाधीश नीलिमा की ओर से जारी हुई हिदायतों के बाद जिला पुलिस प्रशासन ने काम करते हुए ग्रामीण तथा शहरी स्तर पर कमेटियां गठित करन के लिए पंचों-सरपंचों से बैठकें करना शुरू कर दी है। डीएसपी तथा एसएचओ रैंक के अधिकारी को लगातार लोगों से सम्पर्क साध कर इन रात्रि पहरों को यकीनी बनाने के लिए जिम्मेवारी सौंपी गई है।
पुलिस तथा ग्रामीण मिल कर जिला की सुरक्षा में अहम रोल अदा करेंगे। ठीकरी पहरा शुरू होने के बाद वह खुद भी अपनी टीम के साथ इन पहरों का औचक निरीक्षण किया करेंगे।
एयरबेस हमले के बाद भी बनी थी योजनाएं
जानकारी के अनुसार दीनानगर के पुलिस स्टेशन तथा बाद में एयरबेस स्टेशन पठानकोट पर हुए आतंकी हमले के बाद जिला स्तर पर ठीकरी पहरे लगाने का निर्णय लिया गया था।
परन्तु इसी बीच पुलिस अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले हो जाने के कारण ये योजना सिरे नहीं चढ़ सकी थी। परन्तु पुलिस ने अब पुन: लॉ एंड आर्डर को मेनटेन रखने तथा क्राइम पर पूर्णत पाबंदी लगाने के लिए आगामी दस दिनों के भीतर पंचों-सरपंचों से सम्पर्क साध कर लिस्टें तैयार करने पर काम शुरू किया है।
पारदर्शी ढंग से प्रक्रिया सिरे चढ़ाने के निर्देश : एसपी
एसपी पठानकोट गुलनीत खुराना ने कहा कि इस प्रक्रिया को 30 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए पहले लिस्टें तैयार की जाएगी तदुपरांत ग्रामीण स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। गांव के चौकीदार तथा सरपंचों को भी इस प्रक्रिया को पारदर्शी व सही ढंग से निपटाने के लिये रजिस्टर लगाने की हिदायतें की जाएगी।
इन रजिस्टरों पर प्रतिदिन उन व्यक्तियों की हाजरी होगी जिन्होंने रात्रि पहरा देना है। इसमें इस बात को भी यकीनी बनाया जाएगा कि टर्न वाई टर्न गांव के प्रत्येक घर का कम से कम एक व्यकित अवश्य ही पहरा देने में अपनी ड्यूटी निभाएं।
थाना प्रभारी को हिदायतें जारी की गई हैं कि वह ग्रामीणों तथा सरपंचों से बैठकें कर इस पर सहमति बनाएं।