फसलों के अवशेषों को जलाने पर पाबंदी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फसलों के अवशेष को जलाने पर पाबंदी लगा दी है, इसलिये गेहूं की कटाई के बाद पराली को आग न लगाई जाए। उक्त बातें जिलाधीश नीलिमा ने कृषि विभाग की ओर से सैली रोड स्थित आडिटोरियम में लगाए गए जिलास्तरीय किसान सिखलाई कैंप में किसानों को संबोधित करती हुई कही।

डीसी नीलिमा ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त हिदायतें जारी की हैं कि नाड़ को आग लगाने वाले किसानों से 2500 से लेकर 15 हजार रुपये तक जुर्माना वसूल किया जाए। उक्त हिदायतों की पालना करते हुए गेहूं की कटाई के बाद पराली को आग न लगाई जाए।

किसानों की खेती से संबंधित समस्याएं तथा स्कीमों के प्रति जागरूक करने के लिए कृषि विभाग की ओर से किसान सिखलाई कैंप लगाए जाते हैं, परन्तु यदि फिर भी किसी किसान को कोई समस्या हो तो वह लिखित रूप से अधिकारियों के ध्यान में ला सकता है।

खेतीबाड़ी विभाग के संयुक्त डायरेक्टर डाक्टर राजेन्द्र ¨सह बराड़ ने कहा कि कृषकों को फसलों की पैदावार पर हुए खर्चों का हिसाब रखना चाहिए, ताकि पता लग सके कि इन खर्चों पर कितना लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से किसान सिखलाई कैंप ब्लाक तथा ग्रामीण स्तर पर लगाने पर जोर दिया।

डाक्टर इन्द्रजीत ¨सह ने जमीन की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने के लिए देसी खाद तथा हरी खाद का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया। किसानों को चाहिए कि वे खादों तथा कीटनाशक दवाइयो का प्रयोग कृषि माहिरों द्वारा की गई सिफारिशें के आधार पर करें।

इस मौके पर डाक्टर हरिन्द्र ¨सह बैंस, डाक्टर अमरीक ¨सह, डाक्टर राजेन्द्र कुमार, डाक्टर संदीप ¨सह ढिल्लों, डाक्टर प्रीतपाल ¨सह, डाक्टर सुमेश चोपड़ा, डाक्टर मनप्रीत कौर, डाक्टर सतिन्द्रजीत कौर, डाक्टर अमित कौल, बागवानी विभाग के डायरेक्टर मुख्यत्यार ¨सह ने भी किसानों को संबोधित किया।

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