प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ इंदौरा में चल रही साप्ताहिक दिव्य रामायण कथा का समापन हुआ। राष्ट्रीय संत श्री हरि योगी (आगरा वाले) ने प्रभु श्रीरामचन्द्र जी के जीवन कथा का वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य को मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्रीरामचन्द्र जी के आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।
उन्होंने केवट मिलाप, भक्त शिरोमणि शबरी वृतांत एवं अंजलिनंदन हनुमान जी का श्री राम के प्रति स्नेह व मिलन, राजा सुग्रीव के साथ भेंट तथा श्रीलंका पर विजय पाकर धरती राक्षस बहीन करके अयोध्या वापिस पर भगवान श्री रामचन्द्र जी के राजतिलक के साथ अन्य प्रसंगों को विस्तारपूर्वक व संगीतमय ढंग से प्रस्तुत किया। इस दौरान शिव मंदिर में माथा टेकने हेतु भारी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित हुए।
इस अवसर पर प्रबन्धकारिणी सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच, वरिष्ठ उपप्रधान बनारसी लाल मेहता, उपप्रधान कुलदीप सिंह, महासचिव सुभाष शर्मा, सचिव गणेश दत्त शर्मा, प्रैस सचिव सुरेन्द्र शर्मा, सहायक पवन शर्मा, कार्यालय सचिव योगिन्द्र पाल भारद्वाज, कोषाध्यक्ष रमेश सिंह, प्रचार सचिव रमेश पठानिया, संगठन सचिव युद्धवीर सिंह, सदस्य प्रेम सिंह, मैनेजर देवेंद्र गौतम सहित इत्यादि उपस्थित थे।