सिटी स्टेशन की सभी ट्रेनों को रेलवे ने धीरे-धीरे कैंट स्टेशन शिफ्ट कर दिया लेकिन उसके स्थान पर कोई नई ट्रेन नहीं दी। सिटी के उपेक्षा अधिकतर ट्रेनों के कैंट शिफ्ट होने के कारण जहां परमिट से बंधे तीस से अधिक टैक्सी चालक परिवारों के लिए रोजी रोटी का संकट पैदा हो चुका है।
इतना ही नहीं ट्रेनों के कैंट शिफ्ट होने के बाद पठानकोट के कारोबार पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। पठानकोट के व्यापारी अपने स्तर पर संसदीय क्षेत्र के पूर्व तीनों सांसदों के अलावा रेलवे अधिकारियों से भी स्टेशन पर ट्रेनें बढ़ाने के संबंध में मिलें परंतु सिवाय आश्वासनों के हाथ कुछ नहीं लगा।
टैक्सी चालकों के अलावा स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों, वेंडरों व आटो चालकों के बीच जा कर उनके मन की बात टटोली तो उनका दर्द छलक उठा। टैक्सी चालकों ने बताया कि स्टेशन पर गाड़ियां न होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है।
स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों, वेंडरों, आटो चालकों के लिए भी भारी परेशानियां पैदा हो गई। प्रधान सुरेन्द्र सहगल, राजिन्द्र दत्ता, अमित कुमार, अरुण कुमार, अश्वनी कुमार व रोबिन ने बताया कि दस साल पहले स्टेशन पर जम्मूतवी जाने वाली सभी ट्रेनें सिटी स्टेशन पर आती थी। प्रधान सुरेन्द्र सहगल ने बताया कि रेलवे पठानकोट से दिल्ली जाने वाली धौलाधार एक्सप्रेस को रेगुलर करने के साथ-साथ अमृतसर से दो-तीन गाड़ियों को पठानकोट शिफ्ट कर दे। इससे जहां ट्रेनों की प्लेसमेंट करने में आसानी होगी, वहीं पठानकोट सिटी रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले सैकड़ों परिवारों का रोजगार भी बढ़ जाएगा।
व्यापार मंडल पठानकोट के प्रधान चाचा वेद प्रकाश महासचिव अमित नय्यर, पठानकोट व्यापार मंडल के फाउंडर एसएस बावा व महासचिव म¨नदर ¨सह लक्की ने कहा कि धौलाधार एक्सप्रेस को रेगुलर करने के लिए कई बार मिल चुके हैं परंतु कोई फायदा नहीं हुआ।