रेगुलर करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे रूरल फार्मासिस्टों का धरना बुधवार को भी जारी रहा। धरने पर बैठे रूरल फार्मासिस्टों ने कहा कि पंचायत मंत्री तृप्त राजिदर सिंह और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ बैठक रद कर दी गई। फार्मासिस्ट और रैंक चार कर्मचारियों को धोखा दिया गया। इससे पता चलता है कि सरकार कोरोना महामारी के बारे में बिलकुल भी गंभीर नहीं है। फार्मासिस्टों के मुद्दे पर जनहित में जनहित की सेवा करने वाले और यथास्थिति एसोसिएशन ने जिला स्तर की अधिसूचना तक धरना जारी रखने की घोषणा की है। जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि गुरुवार को विधायक अमित विज के निवास स्थान पर घेराबंदी कर पंचायत मंत्री का पुतला जलाया जाएगा, जब तक उन्हें लिखित में सूचित नहीं किया जाता है तब तक वह ड्यूटी पर नहीं जाएंगे। अनुबंध आधारित नौकरी की सुरक्षा इस महामारी में नाममात्र के वेतन पर फ्रंट लाइन पर सेवारत फार्मासिस्टों और फार्मासिस्टों के जीवन को खतरे में डालकर लड़ रही है। सरकारें पिछले 14 साल से कोई समाधान नहीं निकाल रही हैं। जैसा कि कोई सुनवाई नहीं थी, फार्मासिस्ट और रैंक चार को संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा संघर्ष को तेज करने और सभी कैबिनेट मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्रों में काले झंडे के साथ मार्च किया। इस अवसर पर राजेश कुमार, सरबजीत कौर, राजेश भरोली, मीनू, रेनू, पवन, आरती, अमरीक, ललित, सुखजीवन, कश्मीर, मुकेश जोशी आदि उपस्थित थे।