ISI पंजाब में आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने की फिराक में

बीते कुछ माह से जम्मू-कश्मीर के साथ लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तनाव बना हुआ है। दोनों तरफ से गोलीबारी आम बात हो चुकी है। इस कारण पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. को भारत में अपने आतंकवादियों की घुसपैठ करवाना मुश्किल हो गया है। इसलिए उसने अब पंजाब की वह सीमा जो जम्मू-कश्मीर के साथ लगती है या नजदीक पड़ती है के रास्ते घुसपैठ करवाने की योजना बनाई है।

सूत्रों के अनुसार इस समय रावी दरिया सहित उज्ज दरिया, जलालिया तथा तरनाह दरियाओं में पानी का बहाव बहुत अधिक है। पहाड़ों में हो रही बरसात के कारण दरियाओं में पानी अधिक होने का लाभ पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी अधिक से अधिक उठाने की कोशिश में है। एक तो पाकिस्तान के मुकाबले भारतीय इलाका लगभग 6-7 फुट ढलान पर होने के कारण दरियाओं में बहते पानी का दबाव तथा बहाव भारतीय इलाके की तरफ बना रहता है। इस कारण आतंकवादियों को बिना हाथ-पैर मारे पानी के रास्ते घुसपैठ करना आसान हो जाता है।

नीटा को सौंपी जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक पंजाब में आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने की जिम्मेदारी आई.एस.आई.ने पाकिस्तान में शरण लिए बैठे खालिस्तानी विचारधारा के खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के स्वंय-भू चीफ रंजीत सिंह नीटा को सौंपी है। रंजीत सिंह नीटा पंजाब की सीमा से पूरी तरह से परिचित है। बेशक वह जम्मू का रहने वाला है परंतु वह अधिकतर घुसपैठ, जाली करंसी तथा नशीले पदार्थ भारत भेजने का काम पंजाब की सीमा के रास्ते ही करता है। बीते समय में जुलाई 2015 में दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी तथा 1 जनवरी, 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकवादी भी पंजाब की सीमा से दरिया के पानी की मदद से भारत में दाखिल हुए थे। इसलिए आने वाले समय में इस सीमा पर घुसपैठ की कोशिश अधिक होगी।

पाक रेंजर्स के साथ देखा गया रंजीत सिंह नीटा
रंजीत सिंह नीटा जो कभी जम्मू शहर में बिजली की मामूली दुकान करता था, इस समय पाकिस्तानी की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. का सबसे विश्वासपात्र बनकर भारत में पंजाब के रास्ते आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने सहित जाली भारतीय करंसी व नशीले पदार्थों की पाकिस्तान से भारत में सप्लाई करने की सारी जिम्मेदारी संभालता है। रंजीत सिंह नीटा सबसे पहले मुम्बई में आतंकवादी गतिविधियां चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था।

1991 में वह पाकिस्तान चला गया तथा अभी तब वापस भारत नहीं आया परंतु समय-समय पर वह घुसपैठ करवाने तथा नशीले पदार्थ पंजाब की सीमा के रास्ते भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। नीटा उसके बाद अपनी मंगेतर चरणजीत कौर को भी पाकिस्तान ले जाने में सफल हो गया।

तब रंजीत सिंह के दिशा-निर्देश पर बाबू नाम का एक व्यक्ति उसकी मंगेतर चरणजीत कौर तथा उसकी बहन रविन्द्र कौर उर्फ टीटू को नेपाल ले गया। यहां इन दोनों लड़कियों की बड़ी बहन मनप्रीत कौर रहती थी।

वहां से एक अन्य लड़के के साथ चरणजीत कौर पाकिस्तान चली गई। इस समय वह लाहौर के पास बाहरी इलाके में एक कोठी में अपनी पत्नी व बेटी के साथ रह रहा है तथा आई.एस.आई. अधिकारी उसके पास रैगुलर आते रहते हैं। नीटा भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर के साथ देखा गया है।नीटा ने अब आई.एस.आई. के आदेश पर कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने के लिए पंजाब के रास्ते घुसपैठ करवाने की कोशिश अधीन सीमावर्ती इलाकों में दौरा शुरू कर दिया है तथा भारत में अपने सम्पर्क सूत्रों से भी सम्पर्क साध रहा है।

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