हिदू बैंक डिफाल्टरों पर मेहरबान, चार किस्तों में बकाया जमा करवाओ और कार्रवाई से राहत पाओ

डिफाल्टरों पर कार्रवाई करने से पहले हिदू बैंक ने बकाया धारको को एक और सुनहरी अवसर देते हुए उसे चार किश्तों में भुगतान करने की सुविधा प्रदान की है। इसके तहत धारक को 31 मार्च तक अपनी कुल राशि का 30 फीसद जमा करवाना होगा। इसके बाद बैंक उसे बाकी की 70 फीसद राशि के लिए तीन महीने का समय देगा।योजना के तहत करीब 110 डिफाल्ट आते हैं जिन पर करोड़ों की राशि स्टैंड कर रही है। इससे यहां बकाया धारकों को बैंक की ओर से सुविधा का लाभ दिया जाएगा, वहीं उसकी बकाया राशि वापस आने के बाद बैंक दोबारा अपने पांव पर खड़ा हो जाएगा। हिदू बैंक के सीईओ अमन मेहता ने डिफाल्टरों को राहत देने के लिए बनाई गई ओटीएस (वन टाइम सेटेलमेंट पालिसी) के बारे में बताया।

सीईओ अमन मेहता ने बताया कि बैंक पिछले कुछ समय से बुरे दौर में गुजर रहा है। लेकिन, राज्य सरकार द्वारा मामले में हस्तक्षेप करने व डिप्टी कमिश्नर पठानकोट द्वारा बैंक को पांव पर खड़ा करने के लिए भरपूर सहयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि बैंक दोबारा पांव पर आना शुरू हो गया है। नवंबर 2020 तक के डिफाल्ट उपभोक्ता सुविधा में शामिल

सीईओ अमन मेहता ने बताया कि सुविधा में केवल नवंबर 2020 तक के डिफाल्ट उपभोक्ताओं को ही शामिल किया गया है। इसके तहत उसे अपनी मूल राशि का 30 फीसद जमा करवाना होगा। इसके बाद वह इस स्कीम का लाभ प्राप्त कर सकता है। पहले फेज में 30 फीसद राशि जमा करवाने के बाद बकाया क्लीयर करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। जिसकी एवज में धारक को तीन चेक एडवांस में देने होंगे। जो 30 अप्रैल, 31 मई व 30 जून के होंगे। महीने के अंत में उनके यह चेक लगाकर राशि वसूली जाएगी। बकाया धारक का बकाया क्लीयर होने के बाद बैंक की ओर से उन्हें ब्याज में भी राहत दी जाएगी। वर्तमान में धारक को 15 व 16 फीसद ब्याज देना पड़ रहा है। ऐसा करके यहां बकाया धारक को आर्थिक तौर पर लाभ होगा, वहीं बैंक की सारी रिकवरी भी पूरी हो जाएगी।

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