Pathankot City
कारगिल युद्ध भारतीय सेना के शौर्य गाथा को दर्शाता है, विजय दिवस पर जहां सारे देश ने कारगिल युद्ध के रणबांकुरों की शहादत को एक सुर में याद किया, वहीं पंजाब सरकार ने राज्य व जिला स्तर पर शहीदों की याद में कोई समारोह नहीं करवाया।
वहीं शहीद परिवारों का मान सम्मान बहाल रखने वाली पंजाब की एक मात्र गैर राजनीतिक संस्था शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद की तरफ से विजय दिवस पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए परिजनों से मुलाकात करके उनको दुख बांटा। सर्वप्रथम वीर चक्र विजेता सूबेदार निर्मल ¨सह, शहीद सिपाही सतवंत ¨सह, शहीद लांसनायक रणबीर ¨सह की प्रतिमाओं को परिषद के सदस्यों द्वारा दूध का स्नान करवा कर वहां दीपमाला की गई।
इसके उपरांत कारगिल युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले जिला पठानकोट के एकमात्र शहीद लांसनायक हरीश पाल शर्मा के सीमावर्ती गांव झरोली में जिला एनआरआइ सभा के अध्यक्ष एनपी ¨सह की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें परिषद के महासचिव कुंवर र¨वदर विक्की विशेष तौर पर शामिल हुए।
कुंवर विक्की ने कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सेना ने जिन कठिन परिस्थितियों में बुलंद हौंसले के साथ लड़ा, उसकी मिसाल विश्व में और कहीं नहीं मिलती। ऐसा जांबाजो के बलिदानों के समक्ष आज समूचा राष्ट्र नतमस्तक है।
इन शूरवीरों के बलिदान से युवा पीढ़ी हमेशा प्रेरणा लेती रहेगी। उन्होने कहा कि कारगिल युद्ध में जहां पूरे देश में 528 सैनिक शहीद हुए, वहीं जिला गुरदासपुर के साथ पठानकोट के एक सैनिक ने उस युद्ध में शहादत का जाम पीकर जिले का नाम रोशन किया था।
इस अवसर पर परिषद द्वारा शहीद की माता राज दुलारी, भाई यशपाल शर्मा व सतीश शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर शहीद कर्नल केएल गुप्ता के भाई सुरेंद्र बजाज, ¨प्रसिपल ठाकुर जगदेव ¨सह, सूबेदार शक्ति पठानिया, अखिल शर्मा, कैप्टन सरदार ¨सह आदि उपस्थित थे।
Copyright © 2024 About Pathankot | Website by RankSmartz ()