मोहल्ला काजीपुरा में दिन-दिहाड़े लूट

पठानकोट के मोहल्ला काजीपुरा में एक अज्ञात द्वारा दिन दिहाड़े अकेली लड़की को घायल करने के बाद बंदी बनाकर घर का सारा कीमती सामान लूट ले जाने का मामला सामने आया है। इससे पहले कि लूट को अंजाम देने वाला लुटेरा मोहल्ला वासियों के हाथों काबू हो जाता, वह घर का सारा कीमती एवं नकदी बटोर कर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वहीं घायल लड़की को स्थानीय मोहल्ला वासियों एवं परिजनों के सहयोग से उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। यहां घायल की पहचान मनीषा (20) के रूप में हुई है।
घायल मनीषा ने बताया कि आज उनकी बीमार दादी की हालत ठीक नही थी। परिवार के सभी सदस्य दादी का हालचाल जानने के लिए पास ही चाचा के घर पर थे। उसी दौरान उनकी मां ने उन्हें घर जाकर दूध गर्म कर रखने को कहा। दोपहर करीब एक बजे जब वह अपने घर पहुंची तो मेन दरवाजा खुला था। वह जैसे ही घर के भीतर पहुंची तो यहां पहले से मौजूद एक अज्ञात युवक को देख वह घबरा गई। उक्त युवक ने हाथ में पकड़े प्लास से मनीषा से सिर में वार किए। उक्त युवक ने मनीषा मूंह व हाथ बांध कर उसे दूसरे कमरे में बंद कर दिया। मनीषा ने बताया कि उसकी चीखें सुन मोहल्ले के लोगों ने उन्हें कमरे से बाहर निकाला। जब तक वह अज्ञात युवक मौके से फरार हो चुका था। अस्पताल के डाक्टरों अनुसार युवती के सिर में चार टांके लगा कर उपचार शुरू कर दिया गया है।
थाना डिविजन नम्बर एक के प्रभारी इकबाल ¨सह ने बताया कि पुलिस इस मामले की बड़ी बारीकी से जांच कर रही है। घायल युवति एवं उनके पिता बलदेव राज के बयानों के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है। शीघ्र ही मामले को सुलझा लिया जाएगा।
बाक्स के लिए-
चोरी व बेटी का हालत देख मां हुई बेहोश
घायल मनीषा की मां गुरप्रीत को जब घटना की सूचना मिली तो वह तुरन्त देवर के घर से अपने घर पहुंची। यहां एक और खून में लथपथ घबराई बेटी और दूसरी और गहनों की टूटी अलमारी को देख वह बेहोश हो गई। जिसे मौके पर उनकी छोटी बेटी एवं मोहल्ला की महिलाओं द्वारा किसी तरह होश में लाया गया। होश में आने के बाद गुरप्रीत ने बताया कि उनकी अलमारी में उनके सोने के गहनों में एक सेट, छह अंगूठियां, तीन सोने की चैन, हार, कांटे तथा पति की तीन अंगूठियां रखी हुई थी। इसके अतिरिक्त करीब एक लाख रुपये की राशि भी पड़ी थी जो गायब पाई गई है। उन्होंने बताया कि उनके पति कपड़े की फेरी का काम करते हैं। यह पैसे दुकानदारों का हिसाब चुकाने के लिए रखे हुए थे।

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