रोजाना 67.40 लाख गैलन पानी की जरुरत मिल रहा 60.1 लाख गैलन पानी

गर्मी के शुरू होते ही पेयजल का संकट गहराने लगा है। शहर के कई इलाकों में मई में ही पानी को लेकर हाहाकार की स्थिती पैदा हो गई है। सैली रोड स्थित एरिया के कई मोहल्लों में पिछले दो दिनों से पानी की सप्लाई न होने के कारण लोगों में आक्रोश है। शहर में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए की गई व्यवस्था का हाल यह है कि पेयजल की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए बनी छह टंकियों में से चार टंकियां बेकार हो चुकी हैं।

लिहाजा, लोगों को सीधे ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई की जा रही है। हाल यह है कि जिन मोहल्लों में पानी की सप्लाई हो रही है, उनमें से भी कई मोहल्लों में दूषित पानी आ रहा है। नगर निगम के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गर्मी के दिनों में स्वच्छ पानी की आपूर्ति की होगी।

जानकारी के अनुसार निगम की लगभग 2. 25 लाख आबादी को पानी मुहैया कराने के लिए 17 गांवों की 16 वाटर सप्लाई को मिलाकर 64 ट्यूबवेल हैं। रोजाना इतनी आबादी में प्रति व्यक्ति 115 लीटर के हिसाब से 67.40 लाख गैलन पानी की डिमांड है, जबकि नगर निगम 60.1 लाख गैलन पानी ही सप्लाई करवा पा रहा है।

गर्मी के साथ ही बढ़ सकती 25 फीसद पानी की मांग
गर्मी के सीजन में डिमांड में 25 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन, नए ट्यूबवेल से एक बूंद पानी की सप्लाई भी शुरू नहीं हो सकी है। सीवरेज बोर्ड द्वारा करवाए जा रहे ट्यूबवेल के कामों में अभी तक ढांगू रोड हनुमान मंदिर, धीरा और भदरोआ एसडीएम कोर्ट के नजदीक बोरवेल का काम पूरा हो सका है और चैंबर बनना बाकी है।

जबकि बिजली कनेक्शन के लिए अप्लाई किया गया है। रेहड़ी मार्केट, म्यूनिसिपल कॉलोनी, इंदिरा कालोनी में बोरवेल का काम चल रहा है। बाकी दो साईट्स पर काम शुरू ही नहीं हो सका है। अक्टूबर 2016 के अंत में शुरू ट्यूबवेल का काम 8 महीने के भीतर पूरा किया जाना है। वहीं 7 साईट्स के बारे में निगम अधिकारियों ने अभी तक सीवरेज बोर्ड को कोई रिकार्ड ही मुहैया नहीं कराया है। ऐसे में गर्मी के सीजन में निगम की पानी की किल्लत को लेकर गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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