टायर फटने के बाद

पठानकोट-अमृतसर हाईवे मार्ग पर स्थित गांव परमानंद के निकट बुधवार की दोपहर टायर फटने के बाद फोर्ड फिगो कार अनियंत्रित होकर पलट गई। कार में सवार एक ही परिवार के छह सदस्यों में 65 वर्षीय वृद्धा महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। घायलों को एंबुलेस से शहर के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन, डाक्टरों के अनुसार घायलों में से एक तीस वर्षीय महिला की हालत ¨चताजनक बताई गई है जिसे अमृतसर रेफर कर दिया गया। गुरदासपुर के गांव नाजोबाल का यह परिवार गुरुद्वारा श्री बारठ साहिब में माथा टेकने के लिए आया हुआ था। भोग समाप्ति के बाद घर लौटते समय हादसा घटित हुआ। घटना में मरने वाली महिला की पहचान मंजीत कौर जबकि घायलों की पहचान बलदेव ¨सह, नवविवाहित गुरविन्द्र ¨सह व रमनदीप कौन(29) निवासी गांव मुल्लावाल (काहनूवान) तथा दंपती बलजिन्द्र कौर(30) व सुखविन्द्र ¨सह (35) निवासी गांव बाजो चक्क (गुरदासपुर) के रूप में हुई है। घायलों में बलजिन्द्र कौर की हालत चिंताजनक होने कारण उसे रैफर किया गया है।

दुर्घटना संबंधी जांच कर रहे पुलिस थाना तारागढ़ के एएसआइ बलकार ¨सह ने बताया कि घायल बलदेव ¨सह द्वारा पुलिस में दर्ज करवाए गए बयानों अनुसार उनका बेटा गुरविन्द्र ¨सह व बहू रमनदीप कौह गत दिवस पहले विवाहिक बंधन में बंधे हैं। आज वह इन बच्चों को गुरुद्वारा श्री बारठ सहिब में अशीर्वाद दिलवाने लाए थे। इस अवसर पर उनकी पत्नी मंजीत कौर, बेटी बलजिन्द्र कौर, दामाद सुखविन्द्र ¨सह भी शामिल हुए। परिवार के सभी सदस्य अखंड भोग के बाद फोर्ड फिगो कार में सवार होकर घर लौट रहे थे। वह गांव परमानंद के निकट पहुंचे तो उनकी कार का टायर फट गया और अनियंत्रित हुई कर बाएं ओर करीब चार फुट गहरी जगह पर पलट गई। इस हादसे में उनकी पत्नी की मौके पर मौत हो गई जबकि वह खुद तथा उनका बेटा, बहू, बेटी, दामाद घायल हो गए। एएसआइ बलकार ¨सह ने बताया कि पुलिस ने उक्त बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर कार्यवाई शुरू कर दी है।

बाक्स के लिए-
वाहेगुरू जी दे भाणे नू कौण टास सकदा ए-
पठानकोट सिविल अस्पताल में भर्ती घायल बलदेव ¨सह ने दुर्घटना में मृत हुई पत्नि की मौत को लेकर जहां गहरा शोक व्यक्त किया वहीं अन्य सुरक्षित पांच सदस्यों को लेकर वाहेगुरू जी का शुक्रियादा भी किया। बलदेव ¨सह अनुसर उन्होंने इस हादसे को अपनी आखों से घटित होते देखा। जैसे ही गाड़ी का टायर फटा ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे उनके सामने मौत आ खड़ी हो। परन्तु जब होश आया तो देखा कि उनकी पत्नी मंजीत कौर को छोड़ सभी परिवार के सदस्य सुरक्षित थे। और भी अच्छा होता यदि उनकी धर्म पत्ी भी सुरक्षित रहती। परन्तु वाहेगुरू जी के भाणे नू कौण टाल सकदा है।

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