शहरको गार्बेज फ्री बनाने के लिए निगम ने स्मार्ट हाईटेक सॉल्यूशन खोज निकाला है। जिसमें शहर के 39 प्वाइंट्स पर स्मार्ट बिन लगाए जाएंगे। नए स्मार्ट बिन के लिए निगम ने चेन्नई बेस्ड ईको-ग्रेब नामक कंपनी से करार किया है।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बुधवार को रामलीला ग्राउंड के बाहर वाले सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट पर इस योजना पर काम शुरू करवा दिया गया है। ऐसे ही शहर के 39 प्वाइंट्स पर ईको बिन लगाए जाएंगे, जिसे खाली कर डेयरीवाल की डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने का जिम्मा प्राइवेट कंपनी का होगा। बता दें, निगम को स्वच्छता अभियान के तहत 6 करोड़ रुपए मिलने जिसकी पहली किश्त 2 करोड़ रुपए निगम को मिल चुके हैं। मेयर अनिल वासुदेवा का कहना है कि प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पूरे शहर में लागू किया जाएगा।
शहर में लगने वाले सभी ईको स्मार्ट बिन काफी हाईटेक होंगे। यह सभी 6 फीट अंडरग्राउंड 4 फीट जमीन के बाहर होंगे। हर स्मार्ट बिन की केपेसिटी 3600 किलो की होगी, फुली हाईटेक होगा, 80 फीसदी भरने पर खुद स्पेशल डिजाइन स्मार्ट ट्रक को मैसेज सेंड हो जाएगा। स्मार्ट ट्रक अपने आप बिन से कचरा लिफ्ट करेगा, उसके लिए बिन को बाहर नहीं निकालना पड़ेगा। केवल उसमें फिट बैग को ही निकालना होगा।
^रामलीला ग्राउंड के बाहर बनाए जाने वाले प्वाइंट पर कंपनी फ्री में स्मार्ट-बिन इंस्टाल करके देगी। परफार्मेंस देखकर आगे का प्लान कंपनी निगम के अधिकारी सर्वे कर बनाएंगे। शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए यह प्रोजेक्ट मील पत्थर साबित होगा। -अनिलवासुदेवा, मेयर, नगर निगम
टाइलों से सजाए जाएंगे शहर के सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट, नहीं आएगी बदबू
शहरमें जो सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट्स बनाए जाएंगे, उन्हें टाइलों से सजाया जाएगा। स्मार्ट बिन की एक विशेषता यह भी है कि उसमें पड़ा कचरा या गार्बेज स्मैल-लैस होगा। किसी भी प्रकार का कचरा उसमें होने के बावजूद हल्की बदबू भी नहीं आएगी। पहले किसी भी स्थान पर डंपर या डस्टबिन रखने पर आसपास के लोग एेतराज करते थे, जिसे देखते हुए इस योजना पर सहमति बन पाई है।
स्मार्ट बिन पर हथौड़े से वार करने तथा भारी भरकम ट्रक के टकराने का कोई असर नहीं होगा। हालांकि उस समय बिन टेड़ा या फोल्ड होगा पर 24 घंटे में अपने आकार में जाएगा।
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