गांवों में लोगों की सुविधाओं के लिए सेवा केंद्र खोले गए हैं लेकिन धारकलां तहसील का सबसे आखिरी गांव लेहरुण सेवा केंद्र की सुविधा से महरूम हैं। गांववासियों की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया। धारकलां तहसील का यह आखिरी गांव हिमाचल प्रदेश के दो जिलों कांगड़ा एवं चंबा की सीमा से सटा हुआ है।
लेहरुण गांव के अंतर्गत ब्लॉक की तीन ग्राम पंचायतों के निवासी अपने छोटे कार्यो के लिए दस किलोमीटर दुनेरा में जाते हैं। सरपंच लेहरुण सृष्टा धीमान, सरपंच गडल शेर ¨सह, सरपंच गाहल चरण दास, पूर्व सरपंच मनोहर लाल, पूर्व सरपंच रत्न ¨सह, पूर्व सरपंच नीता, पूर्व सरपंच राजेश ¨सह गाहल ने बताया कि उनके गांव में सेवा केंद्र के न होने से गांववासियों को बिजली का बिल, पानी का बिल, जमीन की फर्द सहित आदि कई कार्यों को लेकर दुनेरा पर निर्भर रहना पड़ता हैं,
ऐसे में यहां पुरा दिन छोटे से कार्य के लिए बर्बाद हो जाता हैं, वहीं गांव में ट्रांस्पोर्ट की सुविधा की कमी के चलते कई बार गांववासियों को दस किलोमीटर जाने और दस किलोमीटर घर वापस आने के लिए पैदल सफर भी तय करना पड़ता हैं।