भारत विकास परिषद द्वारा दुनेरा बाजार में यात्रियों व दुकानदारों की सुविधा के लिए निर्मित शौचालय बुधवार को अचानक बंद कर दिए जाने से दिन भर यात्रियों व दुकानदारों का परेशान होना पड़ा। इसी कड़ी के चलते दुकानदारों ने रोष प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय हैं कि वर्षों से दुनेरा बाजार में शौचालय नहीं थे, जबकि इस बाजार में पठानकोट, डल्हौजी, चंबा, नूरपुर, धर्मशाला आदि जगहों को आने-जाने वाली बसें आधा घंटा के करीब चायपानी के लिए रुकती थी। इसके कारण बाजार में शौचालय नहीं होने से यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ता था।
भारत विकास परिषद ने जब यह गांव गोद लिया तो सबसे पहले पीने के पानी की समस्या व शौच आदि जाने की समस्या का हल करते हुए एक पानी का डीप बोर व एक शौचालय का निर्माण करवाया। इससे न केवल यात्रियों बल्कि दुकानदारों की समस्या का हल हो गया। वर्ष भर पहले निकट ही पड़ती एक घर की जमीन की निशानदेही हुई तो शौचालय वाला स्थल उस घर का निकला।
अब उन्होंने भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों से कब्जा लेकर शौचालय बंद कर दिया। इससे यात्रियों व दुकानदारों को समस्या का सामना करना पड़ा, क्योंकि पूरे क्षेत्र में शौचालय के लिए मात्र यहीं स्थान था। दुकानदार सुदर्शन शर्मा बताया कि यात्री तो मात्र 20 मिनट व आधा घंटा रूकते हैं। लेकिन दुकानदार तो दिन भर वहीं पर रहते हैं, उनके लिए प्राप्त एक मात्र सुविधा समाप्त हो गई।
पूर्व सरपंच राज कुमार सारटी का कहना हैं कि दुनेरा बाजार में सैंकड़ों लोग आसपास के गांवों से खरीददारी के लिए व दूसरे स्थानों के लिए बसे आदि पकड़े आते हैं, जिन्हें घंटे इंताजार करना पड़ता हैं। इसलिए दुनेरा बाजार में एक बस स्टैंड की तुरंत जरूरत है। यहां पर शौचालय, वे¨टग रूम, पानी, खाने की वस्तुओं की पूर्ति हो।
अमरनाथ सरपंच दुनेरा का कहना हैं कि लगभग 15 वर्षों से बने इस शौचालय को खुलवाने के लिए उन्होंने एसडीएम से लिखित आवेदन किया है। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्थ से शौचालय बंद करना समस्या को बढ़ाएगा। इसके बाद वह प्रस्ताव पास कर बीडीपीओ को दुनेरा में दो शौचालय बनाने की प्रार्थना करेंगे।