2015 से 17 तक प्रदेश की गठबंधन सरकार ने पठानकोट नगर निगम के विकास को लेकर 68 करोड़ रुपये जिला अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी द्वारा डिप्टी कमिश्नर की चेयरमैन शिप में मंजूर करवा प्राप्त किए थे।
सत्ता परिवर्तन के बाद वर्तमान कांग्रेस सरकार की और से इनमें से कई कार्यो पर रोक लगवा दी है। विकास कार्य रुकने के कारण पठानकोट में विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प हो गए है जिस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यह बात पूर्व विधायक कम पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने शुक्रवार को आयोजित एक मी¨टग के दौरान कही।
विधायक ने कहा कि 68 करोड़ में से 23 करोड़ रुपये तो शहर के विकास के लिए खर्च कर दिए गए थे तथा 11 करोड़ काम शुरू करवाया था, जिसे कांग्रेस सरकार ने आते ही रोक लगा दी। इतना ही नहीं शेष 34 करोड़ भी शहर के विकास के लिए नहीं आया।
उन्होंने कहा कि वह लोग राजनीति में राजनीति नहीं लोगों की सेवा करने के लिए आए थे तथा अब एक पहरेदार की भूमिका निभाते हुए वह इन शहर के विकास के लिए कांग्रेस द्वारा फंडों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए शीघ्र ही आगामी सप्ताह डिप्टी कमिश्नर को मांग पत्र भी सौंपेंगे।
विगत दिनों पठानकोट के विधायक अमित विज की ओर से वित्त मंत्री की और से पेश किए गए बजट की उपलब्धियां गिनाने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो वित्त मंत्री ने बोला, वहीं उन्होंने पठानकोट में आकर पढ़ दिया।
बजट की तह तक जाने की कोई कोशिश नहीं की। प्रदेश में सरकार बनने से पहले कैप्टन ने जितने वायदे किए थे उसमें से एक भी वायदा पूरा करने की बात नहीं हुई है। इस मौके पर मेयर अनिल वासुदेवा, मंडल प्रधान रोहित पुरी, भाजपा के समूह कार्पोरेटर, अशोक मेहता, नीतिन लाडी, शमशेर ¨सह, के अतिरिक्त अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।