प्रेम कतनौरिया,पठानकोट
बरसात से पहले जिला भर को स्वच्छ बनाने के लिए सेहत विभाग अनेकों योजनाओं को शामिल करने के अतिरिक्त जागरूकता अभियान चला रहा है। इसके बावजूद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। लोग अपने घरों के बाहर तो दूर घरों के अंदर भी सफाई नहीं रखते हैं, ताकि बरसात के मौसम में पनपने वाले डेंगू-मलेरिया के प्रकोप से लोगों को बचाया जा सके। यह बात सेहत विभाग के इंस्पेक्टरों की टीम द्वारा जिला भर में किए सर्वे में सामने आई है।
सर्वे टीम अनुसार पठानकोट शहर के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर गांवों में गंदगी की भरमार है। इसका मुख्य कारण लोगों का जागरूक न होना है। जिला एपीडिमोलोजिस्ट डॉ.सुनीता व हेल्थ इंस्पेक्टर अविनाश शर्मा अनुसार जिला भर के लोगों को डेंगू-मलेरिया से बचाने के लिए विभाग ने हेल्थ इंस्पेक्टरों की देखरेख में पांच-पांच सेहत कर्मियों की दस टीमें बनाई हैं। जो जिला भर के उन क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरूक करने के अतिरक्त दवाइयों के छिड़काव कर रही हैं जो बीते वर्ष डेंगू-मलेरिया की चपेट में आए थे। इस अभियान को चलाए तीन माह हो गए हैं,परन्तु अभी भी लोग जागरूक नही हुए हैं। लोगों के घरों के बाहर तो दूर घरों के अंदर गंदगी समाप्त नही हो पा रही है। टीम पठानकोट के मोहल्ला बाबियां, लमीनी, बगांव कोठे मनवाल, गोशाला पठानकोट, खड्डी पुल, खानपुर, कच्चे क्वाटर सहित ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा का दौरा कर चुकी है। यहां लोगों के घरों के बाहर गंदगी, कीचड़ में दवाइयों का छिड़काव किया गया है। वहीं उनके घरों के अंदर कूलर, गमलों, पानी के कंटेनरों व अन्य जगहों पर जमा पानी को साफ करवाया है। वहीं जिन क्षेत्रों में मच्छर पैदा होने का खतरा अधिक है वहां लोगों को सोते समय नेट एंव आल आउट का प्रयोग करने को कहा गया है।
इन वार्डों में फिर डेंगू का खतरा
वर्ष 2015-16 में जिला पठानकोट के विभिन्न क्षेत्रों में डेंगू पीड़ितों की संख्या 150 पार हो गई थी, जबिक 598 के करीब डेंगू के संदिग्ध मरीज पाए गए थे। जबकि इस सीजन में अब तक 14 डेंगू संदिग्धों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक पठानकोट के मोहल्ला लमीनी, इंदिरा कालोनी, पिपलां वाला मोहल्ला, बैंक कॉलोनी, मोहल्ला काजीपुरा,माडल टाउन, इंदिरा कॉलोनी तथा सुजानपुर के वार्ड नम्बर 3,9,10 के लोगों को डेंगू का डंक लगा था। इस बार भी इन वार्डों में डेंगू पनपने का सबसे अधिक खतरा बना हुआ है। इस खतरे से निपटने के लिए सेहत विभाग ने सुजानपुर की नगर कौंसिल एवं पठानकोट की नगर निगम को लिखित पत्र भेज कर तुरन्त इन वार्डों में फागिंग स्प्रे करवाने के निर्देश जारी कर चुका है। विभागीय अधिकारियों ने इन वार्डों के लोंगों के ब्लड सेंपल लेने की भी योजना बना ली है। ताकि जो भी डेंगू, मलेरिया, पीलिया से पीड़ित पाया जाएगा उसे सेहत विभाग की ओर से तुरन्त एवं नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार सेहत विभाग ने जिला सेनिटेशन विभाग को भी पत्र लिखा है कि वह पीने वाले पानी की सप्लाई में क्लोरीन दवाई का उपयोग आरंभ कर दें।
डेंगू से बचने के लिए खुद के प्रयास जरूरी
सिविल अस्पताल के एसएमओ डाक्टर भूपेन्द्र ¨सह अनुसार डेंगू से बचने के लिए लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। यदि वह निम्न बातों की ओर ध्यान दें तो नि:संदेह वह खुद भी और औरों को भी डेंगू से बचा सकते हैं। अपने घर एवं आसपास स्थलों पर सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर की छतों पर पड़े सामान में बारिश का पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी सप्ताह में दो बार जरूर बदलें। इन दिनों पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े ही पहनें। घर में मच्छर भगाने के यंत्र का प्रयोग करें। डेंगू लक्षणों का संदेह होते ही इसका चेकअप विशेषज्ञ डाक्टर से ही करवाएं।
डेंगू के लक्षण
-पांच से छह दिन तक तेज बुखार आना। सिर,पीठ,जोड़ों में दर्द रहना। शरीर में लाल रंग के धब्बे होना। अधिक ठंड लगना। दांतों एवं मसूड़ों से रक्त बहना। आंखों के आसपास काले धब्बे बनना।