नगर से सटे इंडीस्ट्रीयल ग्रोथ सैंटर में कार्यरत उद्योगिक यूनिट शराब फैक्टरी से निकाले गए कॢमयों व उनके परिजनों का हकों व मांगों के लिए फैक्टरी के सामने दिया जा रहा रोष धरणा आज नौवें दिन में प्रविष्ट कर गया।
मजदूर बचाओ संघर्ष कमेटी के कन्वीवर सरपंच जगननाथ व पूर्व सरपंच राजेन्द्र सिंह अखवाना ने आज धरणे पर बैठे कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि उक्त औद्योगिक यूनिट के चलते पहले ही इस इलाके में वातावरण प्रदूषित हुआ है व आस-पास के ग्रामीण लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं।
उन्होंने कहा कि कारखाने से निकाले गए कर्मी अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं तथा उनकी सुरक्षा के लिए कोई पुलिस कर्मी तैनात नहीं है जबकि फैक्टरी प्रबंधन की सुरक्षा पुख्ता की गई है।
फैक्टरी से निकाले गए मजदूरों के नेता पवनदीप सिंह, हरविन्द्र सिंह लाडी, निशान सिंह व संजीवन सलारिया के साथ केवल कृष्ण ने कहा कि फैक्टरी प्रबंधन का मजदूरों के प्रति रवैया तानाशाही है। मजदूरों से 12 व 36 घंटें काम लिया जा रहा है परन्तु वेतन गैर हुनरमंद मजदूरों से भी कम दिया जा रहा है।
मजदूरों के विरोध करने पर 23 मई को लेबर आफिसर की उपस्थिति में एक फैसला हो गया था जिसमें ड्यूटी के 8 घंटे सुनिश्चित किए गए थे परन्तु पहली जुलाई को प्रबंधन ने उक्त समझौते को रद्द करते हुए वेतनों में कटौती कर दी।
अंतत: मजदूरों को संघर्ष का मार्ग अपनाना पड़ा क्योंकि जिला प्रशासन भी उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है। वहीं पंजाब के महासचिव नत्था सिंह, मजदूर यूनियन के प्रांतीय महासचिव शिव कुमार ने लेबर विभाग को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मजदूरों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए भारी भरकम वेतन लेने वाले विभागीय अधिकारी मजदूरों के ही हकों की उठ रही आवाज को नहीं सुन रहे हैं। इस अवसर पर जसवंत सिंह रानीपुर, बलवंत सिंह घोह, नत्था सिंह, बाबू राम, सुदर्शन कुमार, हरविन्द्र लाडी ने भी संबोधित किया।