व्यापारियों ने कहा, नोटबंदी की तरह जीएसटी पर भी सरकार ने लिया जल्दबाजी में फैसला

जागरण संवाददाता, पठानकोट : रविवार को दैनिक जागरण की ओर से जीएसटी मुद्दे पर चलाए गए अभियान के तहत होलसेल रेडीमेड गारमेंट्स यूनियन सदस्यों से मी¨टग कर जीएसटी मसले पर उनके विचार जाने गए। अधिकतर व्यापारियों का कहना है कि जीएटसी को 1 जुलाई को लागू करने की बजाय इसे कुछ देर के लिए रोक कर इसमें संशोधन कर लागू किया जाए। गलत जानकारी पर सजा के प्रावधान को हटाया जाए। यूनियन के महासचिव प्रेम काला, कैशियर ललित कपूर, सीनियर वाइस प्रधान संदीप महाजन, पीआरओ चेतन, मनमोहन काला, सोनू महाजन, शिवम व मृदल महाजन आदि ने भी सेमिनार में अपने विचार पेश किए।
होलसेल रेडीमेड गारमेंटस यूनियन के सरप्रस्त चाचा वेद प्रकाश व प्रधान मनमहेश बिल्ला ने कहा कि सेल टैक्स विभाग की और से सेमिनार के दौरान जीएसटी मसले पर जो जानकारियां दी है उनकी समझ तो आ रही है परंतु बावजूद इसके कई खामियां है जिसे दूर किए बगैर केंद्र सरकार जीएसटी को लागू न करें। उन्होंने कहा कि सेल्स टैक्स विभाग सेमिनारों के माध्यम से उन्हें जानकारी तो दे रहा है परंतु आज भी अधिकतर व्यापारियों को जीएसटी पर पूरी जानकारी नहीं है। हां, इतना जरुर है कि केंद्र सरकार ने व्यापारियों के लिए साल में तीन बार खाते की जांच की बात कही है। ऐसा होने से मुनीम व सीए का काम बढ़ेगा जिससे उनका खर्चा अधिक होगा और सारा बोझ उनके कंधों पर आ जाएगा। उन्होंने कहा कि एक तो पहले आर्थिक मंदी के कारण कारोबार का बुरा हाल है, उपर से रही सही कसर जीएसटी से पूरी हो जाएगी। नोटबंदी भी केंद्र सरकार का जल्दबाजी में लिया गया फैसला था जिसका खामियाजा देश भुगत चुका है और अब जीएसटी भी जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। सबसे अधिक समस्या यह है कि रेडीमेड कारोबारियों को दो सलैबों में बांट दिया। एक हजार के नीचे वाले सामान पर पांच फीसद और एक हजार से उपर वाले पर 12 फीसद टैक्स लगाकर उनकी परेशानी बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि बिक्री न होने पर व्यापारी महंगे दाम को सस्ते दाम पर बेच लेता है लेकिन, जीएसटी के बाद वह ऐसा नहीं कर सकेगा। कारण, महंगे माल पर उसे 12 फीसद टैक्स देना पड़ेगा। रेडीमेड होलसेल यूनियन के समूह सदस्यों ने केंद्र सरकार को जीएसटी लागू करने से पहले इसमें संशोधन की मांग की है।

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