पठानकोट सिविल अस्पताल में स्थापित ब्लड बैंक में इन दिनों ब्लड यूनिट की भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रतिदिन स्टॉक कम और खपत अधिक होने से ब्लड बैंक मैनेजमेंट अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई है।
अस्पताल में ब्लड की कमी इस कदर है कि यदि कोई एमरजेंसी पड़ जाए तो उससे निपटने के लिए विभाग के पास कोई विकल्प नहीं है। इसका मुख्य कारण पिछले लंबे समय से स्कूल, कॉलेजों, विभिन्न संस्थाओं द्वारा कैंपों का आयोजन का पूर्ण सहयोग न मिलना है।
ब्लड बैक अधिकारियों की मानें तो ए-पॉजीटिव व ए-नेगेटिव, बी-पॉजीटिव व बी-नेगेटिव, ओ-पॉजीटिव व ओ-नेगेटिव, एबी-पॉजीटिव व एबी-नेगेटिव कुल मिला कर आठ ब्लड ग्रुप हैं। एमरजेंसी के लिए प्रति ब्लड ग्रुप के 10-10 रक्त यूनिट अर्थात 80 यूनिट होना जरूरी है। परन्तु 600 यूनिट स्टॉक वाले ब्लड बैंक में मात्र 60 यूनिट ही शेष बचे हैं।
यही कारण है कि मरीजों और ब्लड बैंक के मुलाजिमों को उत्पन्न हो रही चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ब्लड बैंक रिकार्ड अनुसार बात की जाए तो यहां रोजाना 50 ब्लड युनिट की खपत है,जबकि करीब 45 युनिट बैंक को प्राप्त हो रहे हैं।
इनमें सबसे अधिक बी पॉजीटिव ब्लड ग्रुप की सबसे अधिक डिमांड है जबकि सभी नेग्टिव ब्लड ग्रुप की कम डिमांड हैं।