मिशनरोड की ब्यूटिफिकेशन के लिए लगाई जा रही टाइल्स के निगम द्वारा भेजे सैंपल रिक्वायर्ड स्ट्रैंथ के मुताबिक फेल साबित हुए। जीएनए लुधियाना को भेजे आईएसआई मार्का टाइल्स में से 3 इंच की टाइल्स मापदंडों के मुताबिक सही नहीं थीं। ऐसे में निगम ने ठेकेदार की पेमेंट रोक कर टाइल बनाने वाली फर्म का लाइसेंस रद्द कराने की बात कही है।
ठेकेदार को दो टूक कह दिया है कि वह आईएसआई को लिखे कि जिस फैक्ट्री से बनी टाइल्स से उसने गलियां बनाई हैं, उस फैक्ट्री का आईएसआई लाइसेंस कैंसिल किया जाए। वहीं, निगम अपने तौर पर भी ब्यूरो को अमृतसर की फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द कराने को लिखेगा।
स्थानीय निकाय विभाग ने टेंडर के आधार पर निजी कंपनी से करार किया है। इसके लिए पंजाब के सभी 10 निगम कौंसिलों का अलग-अलग ग्रुप बनाया गया है। कंपनी की टीम प्रत्येक सड़क के निर्माण के दौरान हरेक स्तर पर जांच करेगी।
^ठेकेदार को सख्ती से कहा गया है कि वह ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड को लिखे कि अमृतसर की जिस फैक्ट्री से टाइलों की खरीद की गई थी, उसका लाइसेंस कैंसिल किया जाए। जब तक ठेकेदार वहां से पुरानी टाइलें उखाड़कर नई टाइलें नहीं लगाता तब तक पेंमेंट नहीं की जाएगी। -अनिलवासुदेवा, मेयर, नगर निगम
निगम सूत्रों के अनुसार जिन गलियों या सड़कों किनारे इस फैक्ट्री से खरीदी टाइलें लगी हैं, उन्हें उखाड़कर नए सिरे से टाइलें लगाई जाएंगी। डी-ग्रेड की टाइलें लगने की मिल रही शिकायतों के बाद निगम ने शहर के विभिन्न एरिया में लगी 2 और 3 इंच की टाइलों के 10 से अधिक सैंपल जीएनई (गुुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज) और एनआईटी (डॉ बीआर अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी) जालंधर को भेजे थे। जिसमें से 2 इंच की टाइलों के सैंपल पास हुए पर 3 इंच की टाइलों के सैंपल फेल पाए गए। जिसके बाद निगम ने ठेकेदार फर्म दि फ्लोरा लेबर को-ऑपरेटिव सोसायटी की पेमेंट रोक दी है।
मिशन रोड पर लगी टाइल्स, जिनके सैंपल फेल हुए हैं।
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