एक सप्ताह से प्रदेश की जनता को राज्य सरकार के पहले बजट का बेसब्री से इंतजार था। मंगलवार सुबह 11 बजे से लेकर 12:30 बजे तक चले बजट को शहरवासियों ने टीवी पर लाइव देखा। बजट पर शहरवासियों में मिली- जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। सत्ता पक्ष ने इसे जहां ‘ए’ क्लास का बजट करार दिया वहीं विपक्ष ने इसे केवल आंसू पोंछने वाला बजट बताया।
सत्ता पक्ष का कहना है कि बजट के दौरान सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। कैप्टन सरकार ने अपने पहले ही बजट में अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरा करने की बात कही है। वहीं, विपक्षी नेताओं का कहना है कि कर्ज माफी के नाम पर किसानों की भावनाओं के साथ मजाक किया गया है। किसानों पर 10 लाख करोड़ के कर्जे में से मात्र 15 हजार करोड़ की माफी कर देना समुद्र से एक बाल्टी भरने के समान है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि जितना कर्ज माफ हुआ है उतना तो तीन माह का ब्याज ही बन जाता है। पेंशन में बढ़ोतरी, शगुन स्कीम को बढ़ा देने वाले बजट को विकास के बजट की संज्ञा देना उचित नहीं है। बजट के बाद जागरण ने कांग्रेस, भाजपा व आम आदमी पार्टी के साथ-साथ विभिन्न वर्गों से संबंधित गणमान्य लोगों से बात की जिन्होंने अपने विचार इस कदर पेश किए।
पहले ही बजट में मेनिफेस्टो को कर दिया पूरा : विज
जिला कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व नगर कौंसिल प्रधान अनिल विज ने कहा कि अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार ने जो कहा था उसे पहले ही बजट में पूरा कर दिया है। आज तक किसी भी मुख्यमंत्री ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को पहले बजट में पूरा नहीं किया होगा। उन्होंने कहा कि किसानों क ऋण माफ हो गया है, बुढ़ापा पेंशन बढ़ा दी गई है। शगुन स्कीम को बढ़ाया गया है। सबसे अहम बात यह है कि शहरों के विकास को लेकर सरकार ने लोकल बॉडी का बजट बढ़ाया गया है और युवाओं को जो स्मार्ट फोन देने की बात कही थी उसके लिए अतिरिक्त फंड रखा है। पूरा बजट ए क्लास बजट है जिसे कोई भी वर्ग नकार नहीं सकता।
आंसू पोंछने वाला है बजट : रामपाल
भाजपा जिला अध्यक्ष कम कारपोरेटर अनिल रामपाल का कहना है कि बजट केवल आंसू पोंछने वाला है। किसानों से कर्ज माफी के नाम पर केवल छलावा किया गया है। चुनावों से पूर्व मुख्यमंत्री ने बेरोजगारों को रोजगार न मिलने तक महंगाई भत्ता देने की बात कही थी जिस पर कोई काम नही हुआ है। चार महीने के कार्यकाल में एक पैसे का भी विकास नहीं हुआ है। बुढ़ापा पेंशन बढ़ाने व शगुन स्कीम को बढ़ा देने से सरकार अपनी वाहवाही नहीं लूट सकती। इसके लिए सरकार को जमीनी स्तर पर काम करवाने होंगे।
किसानों के साथ हुई नाइंसाफी : मन्हास
आम आदमी पार्टी से सुजानपुर विधान सभा चुनाव लड़ चुके आप नेता एडवोकेट कुलभूषण मन्हास ने कहा कि चुनाव से पहले तो कांग्रेस एक माह के भीतर किसानों के कर्ज माफ कर देने की बात करती थी परंतु चार माह में उसे अमलीजामा नहीं पहना नहीं पाई। विपक्ष की ओर से दबाव बढ़ने पर अगर कर्ज माफ किया ही है तो वह केवल आसूं पोंछने वाला। किसानों का न के समान कर्ज माफ हुआ है जिसे वह और उनकी पार्टी पूरी तरह से ¨नदा करते हैं।
स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना सही कदम : अनुज
अनंत गुरुकल स्कूल त्रेहटी के चेयरमैन अनुज शर्मा ने कहा कि सरकारी नौकरियां लगातार कम होती जा रही है। ऐसे में युवाओं के पास रोजगार न होने के कारण वह बुरी संगत में पड़ कर नशे का शिकार हो रहा है। राज्य सरकार ने अपने बजट में स्किल डेवलपमेंट को बढ़ाने पर जोर दिया है जो उचित कदम है। युवा विभिन्न प्रकार के कोर्स कर अपने लिए रोजगार पैदा कर सकता है। इससे वह अपना व अपने परिवार का सही तरीके से पालन-पोषण कर सकेगा।
महिलाओं की सुरक्षा पर जोर देने की जरूरत : मोनिका
गृहिणी मोनिका जंझुआ का कहना है कि बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है लेकिन, महिलाओं की सुरक्षा पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया। प्रदेश में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने पर सरकार जरुर ध्यान दे ताकि महिला भी बिना किसी डर के अपने काम के सिलसिले में आ जा सके। महिलाओं के विशेष अधिकार पर भी सरकार कोई योजना बनाए।
व्यापारियों के लिए कुछ खास नहीं : भारत महाजन
व्यापार मंडल के पूर्व प्रधान भारत महाजन का कहना है कि बजट में सरकार ने रोजगार की बात तो कही है लेकिन, व्यापारियों के लिए कुछ खास नहीं है। किसानों व पेंशन तथा शगुन स्कीमों में राहत देने पर जोर दिया है। ओवरआल बजट फिफ्टी-फिफ्टी है पुरानी सरकार की भांति कांग्रेस सरकार ने भी बजट पेश किया है।
कर्ज माफी के नाम पर कुछ नहीं : मान ¨सह
किसान व कारोबारी ठाकुर मान ¨सह ने कहा कि किसानों को कर्ज माफी के नाम पर कुछ नहीं मिला है। प्रदेश के किसानों पर दस लाख करोड़ का कर्ज है उसके बदले में मात्र 15 हजार करोड़ ही माफ हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को कितनी राहत मिली होगी।