पांचवें दिन भी पनबसकर्मी डटे रहे हड़ताल पर
रेगुलर करने की मांग को लेकर मंगलवार को पांचवें दिन भी पनबस कर्मी हड़ताल पर डटे रहे। कर्मचारियों के हड़ताल पर होने की वजह से यात्रियों परेशानी हो रही है, जबकि प्राइवेट बस वाले इसका खूब लाभ उठा रहे हैं। हड़ताल पर बैठे पनबस कर्मियों ने प्रधान सुखविन्द्र ¨सह व चेयरमैन दिलबाग ¨सह के नेतृत्व में पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी भावनाओं को आहत किया गया है। आठ साल पहले मुख्यमंत्री प्रकाश ¨सह बादल ने उनसे वादा किया था कि दूसरी बार सत्ता में आने पर उन्हें रेगुलर किया जाएगा, लेकिन दूसरी बार भी पांच साल का समय बीतने को है और उनकी मांग ज्यों की त्यों है। उन्होंने कहा कि इस बार वह तब तक हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे जब तक सरकार उनकी मांग को लिखित तौर पर मान लेने का पत्र जारी नहीं करती।
उधर, हड़ताल के कारण जहां लोकल रूट पर लोग प्रभावित हो रहे हैं, वहीं सबसे ज्यादा परेशानी पास होल्डरों को उठानी पड़ रही है। कारण निजी बसों में पास मंजूर नहीं है और पठानकोट से रोजाना कई पास होल्डर सफर करते हैं।
सरकारी कर्मचारी सोम राज, सत्य प्रकाश, सतीश कुमार, बूटा राम, राज कुमार, शम्मी कपूर आदि ने बताया कि वह मासिक पास बनाकर रोजाना सफर करते थे। मासिक पास बनाने पर उन्हें भी काफी बचत होती थी, लेकिन पास केवल सरकारी बसों में चलता है और हड़ताल के कारण सरकारी बस सेवा प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी बस काउंटर पर लगते ही भर जाती है जिस कारण कंडक्टर फटाफट बस चलवा देते हैं। पास होल्डर समझकर कंडक्टर आगे से चढ़ने की बात करते हैं और जब तक वह अगले दरवाजे तक पहुंचते हैं बस फुल होते ही उसे चला दिया जाता है। मजबूरन अधिकतर पास होल्डरों को निजी बसों में जहां पूरा किराया देना पड़ता है, वहीं समय भी अधिक लगता है।
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