मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे तहसील कांप्लेक्स में कार्यालय में कार्यरत वसीका नवीस, स्टांप वेंडर, टाइपिस्ट, कम्प्यूटर टाइपिस्टों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इस हड़ताल के कारण जहां तहसील कार्यालय में काम करवाने आए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है वहीं रेवेन्यू विभाग को भी लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है
वसीका नवीस यूनियन के प्रधान वसीका नवीस योगेश कुमार के नेतृत्व में यूनियन सदस्यों ने मांगों को लेकर दूसरे दिन भी जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अफसरशाही का आरोप लगाया।
यूनियन के प्रधान योगेश कुमार ने बताया कि सरकार ने लोगों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मलिकपुर में बनाए गए मिनी सचिवालय में जिला के सभी दफ्तरों को शिफ्ट किया है। इसके तहत तीन माह पहले तहसील दफ्तर को भी मिनी सचिवालय में शिफ्ट किया गया था। तहसील कार्यालय के मिनी सचिवालय में शिफ्ट हुए इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी उन्हें अभी तक कोई भी स्थान अलाट नहीं किया गया है।
वहीं उन्हें 50 हजार रुपये सिक्योरिटी व 12 हजार रुपये सालाना किराया जमा करवाने के लिए कहा गया है। ऐसा कर उनके साथ धक्केशाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह अपने पर अफसर शाही हावी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि उनसे पहले की तरह ही सालाना किराया लिया जाए। वहीं उन्हें मिनी सचिवालय में जगह अलर्ट कर पक्की दुकाने बनाकर दी जाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ऐसी कार्यप्रणाली के कारण उन्हें ही नहीं बल्कि तहसील कार्यालय में काम करवाने आने वाले सैकड़ों लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तहसील कार्यालय में काम करवाने आने वाले लोगों को काम करवाने के लिए पहले पुराने तहसील परिसर में अपने दस्तावेज तैयार करवाने पड़ते हैं, फिर मलिकपुर स्थित मिनी सचिवालय में नए तहसील कार्यालय में काम करवाने के लिए तहसीलदार के पास जाना पड़ता है।
जिससे उनका समय व पैसों की बर्बादी हो रही है। उन्होंने कहा कि तहसील कार्यलय में रोजाना करीब 25 से 30 जमीनों की रजिस्ट्री होती है। पिछले दो दिनों से रजिस्ट्री न होने के कारण रेवेन्यू विभाग को करीब 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। अगर उनकी मांगे जल्द नहीं मानी गई तो सरकार को हर रोज लाखों रुपये का नुकसान होता रहेगा।
वसीका नवीस अशोक हीर ने बताया कि मिनी सचिवालय में शिफ्ट हुए नए तहसील कार्यालय में लोगों को सुविधा के नाम पर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो ये अनिश्चितकालीन हड़ताल भूख हड़ताल में तबदील हो जाएगी। इसकी जिम्मेदारी सरकार व जिला प्रशासन की होगी।
यूनियन सचिव विद्यासागर शर्मा ने कहा कि पंजाब में बाकी स्थानों पर जो पॉलिसी प्रयोग की गई है उसी प्रकार पठानकोट में भी मापदंड अपनाए जाएं।
अगर उन्हें इंसाफ के लिए कोर्ट भी जाना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर नंबरदार यूनियन प्रधान चरण दास, स्टांप वेंडर अर्जुन भनोट, स्टांप वेंडर राज कुमार बजाज, किरपाल ¨सह,ठाकुर जो¨गद्र ¨सह, प्रीतम, कुलदीप ¨सह, म¨हद्र पाल, किशन लाल, प्रमोद कुमार, ¨रकू, रेणु, संजीव कुमार, एडवोकेट विकास उपस्थित थे।