दिल्ली के ध्यान

डमटाल के हादसे के दौरान एक युवक ने दोस्ती की ऐसी मिसाल पेश की, जिससे न केवल यात्रियों में उनकी वाह-वाह हो रही है, बल्कि शहर में भी खूब चर्चा है। दिल्ली के उस युवक ने बस में सोए दोस्त को तो बचाया ही, साथ में और यात्रियों व कंडक्टर को भी बस से निकाला।

इसी बीच वह घायल भी हुआ और अब सिविल अस्पताल में दाखिल है। न्यू दिल्ली के मंगलापुरी फेज-2 में रहने वाले अनिल कुमार नामक इस शख्स ने बताया कि वह और उसका दोस्त जीवन ¨सह हिमाचल परिवहन की दिल्ली-चम्बा रूट की बस में सवार होकर चम्बा जा रहे थे। सफर के दौरान देर रात को बातें करते-करते दोनों की आंख लग गई।

लोगों की चीख-पुकार सुन जब वह उठा तो देखा कि बस जल रही थी। उसके बाद वह किसी तरह बस से कूदकर बाहर निकला। बाहर आकर उसने देखा कि उसका दोस्त तो बस के अंदर ही है।

हिम्मत करके वह बस के अंदर गया और उस सीट के पास पहुंचा जहां उसका दोस्त था। वहां गंभीर रूप से घायल अवस्था में सीट के बीच उसका दोस्त जीवन फंसा था। पास जाकर उसने देखा कि जीवन की सांसें चल रही थी।

उसके बाद वह उन्हें बाहर निकालने के प्रयास में जुट गया। आग की तेजी से बढ़ती लपटों के बीच उसने जैसे-तैसे कड़ी मशक्कत के बाद दोस्त को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। इससे पूर्व दोस्त को बाहर निकालते समय बस में ही फंसे एक और घायल पर उनकी नजर पड़ी। बाद में पता चला कि वह बस का कंडक्टर है। इससे पहले कि पूरी बस आग की चपेट में आ जाती, उसने हिम्मत कर बस कंडक्टर को भी सुरक्षित बाहर निकाला।

इसके बाद देखते ही देखते पूरी बस धू-धू कर जलने लगी।

पठानकोट के सिविल अस्पताल के डॉक्टर विशाल कोहली एवं एसएमओ डॉक्टर भूपिन्द्र ¨सह ने बताया कि जीवन ¨सह के सिर में गहरी चोट आई है।

उनका उपचार अस्पताल की ओर से शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि अगले 12 घंटों के भीतर उन्हें होश आ जाएगा। अनिल को भी चोटें आई हैं।

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