रविवार को बरसात ने लोगों को गर्मी मे ठंडक का एहसास तो दिलाया परंतु आसमानी बिजली ने लोगों का स्वाद किरकिरा कर दिया। दोपहर 2.11 बजे आसमानी बिजली सिटी फीडर, टेलीफ़ोन एक्सचेंज फीडर व प्रीत नगर फीडर पर गिरी और इन तीनों फीडरों ने काम करना बंद कर दिया। आसमानी बिजली ने शहर के तीस मोहल्लों में बिजली गुल कर दी। ईस्ट सिटी, मेन बा•ार में बाद दोपहर पौने चार बजे तक बिजली आई।
इसे गनीमत ही कहा जाना चाहिए कि आसमानी बिजली 132 केवी फीडर के पास गिरी परंतु इस फीडर पर नहीं गिरी। आसमानी बिजली अगर 132 केवी पर गिरती तो आधे से ज्यादा पठानकोट बिना बिजली के रहने को मजबूर हो जाता।
असंतुलित वातावरण बन रहा आसमानी बिजली गिरने का कारण
मौसम माहिर सु¨रदर पाल का कहना है कि बढ़ रंगे प्रदूषण के कारण पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित हो चुका है। गेहूं को आग लगाने, पेड़ों को जलाने,औद्योगिक धुंआ पैदा होने आदि से गर्मी बढ़ रही है। उनका कहना है कि यही बढ़ी हुई गर्मी के कारण ही हवाओं की स्पीड ज्यादा हो गई है। तूफान बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि अगर हम लोग तुरंत नही सुधरे तो आने वाले दिनों में मौसम ज्यादा गरम होगा और •ा्यादा तूफ़ान आएंगे। यही तूफ़ान आसमानी बिजली गिरने का कारण बन रहे हैं। पिछले एक दो साल में आसमानी बिजली गिरने के ज्यादा केस होने को मानते हुए उन्होंने कहा कि यह सिफऱ् पर्यावरण असंतुलन के कारण ही हो रहा है।
कैसे हो बचाव
मौसम माहिर सु¨रदर पाल ने कहा कि बदल रहा मौसम तभी ठीक हो सकता है अगर अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाए। पेड़ों को काटना बंद किया जाए। लकड़ी की जगह एलपीजी गैस का प्रयोग किया जाए। दाह संस्कार मे भी लकड़ी की जगह बिजली का प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि सोमवार को मौसम फिर शनिवार जैसा ही रहेगा। तूफान चल सकते हैं और बरसात हो सकती है। उन्होंने कहा कि आसमानी बिजली गिर सकती है।
एक साल में गिर चुकी कई बार आसमानी बिजली
बीते एक साल में आसमानी बिजली कई बार गिर चुकी है। करीब सवा साल पहले आसमानी बिजली पर्यावरण पार्क में सैर कर रही एक महिला पर गिरी और वह मौत का शिकार हो गई। उसके कुछ ही दिन बाद गुज्जरों के डेरे पर बिजली गिरी और उनकी कई भैंसे मर गई। क़रीब दो महीने पहले बिजली धार में गिरी और कई पशु उसकी चपेट मे आ गए। इसके कुछ दिन बाद 21फरवरी को आसमानी बिजली पठानकोट के मामून बिजली तारों पर गिरी जिससे कई घंटे सप्लाई ठप रही। बिजली गिरने का यह सिलसिला रविवार को फिर दोहराया गया।