जालंधर से जम्मूतवी जा रही मालगाड़ी के इंजन में तकनीकी खराबी आने से वह बीच रास्ते ही हांफ गया। इंजन को जैसे-तैसे मीरथल स्टेशन तक पहुंचाया गया जहां फिट करने के बाद उसे गंत्वय की और पहुंचाया
गया। लगभग डेढ़ घंटा तक चली इस कार्रवाई के कारण मीरथल फाटक बंद रहा जिस कारण ऐतिहासिक मंदिर काठगढ़ में माथा टेकने जाने वाले श्रद्वालुओं को गर्मी में दो चार होना पडा। मामला सोमवार की सुबह 9:40 से लेकर 9:45 बजे का है।
जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह जालंधर से जम्मूतवी को एक मालगाड़ी का लोड निकला। तकरीबन 9:35 बजे जैसे ही मालगाड़ी मीरथल स्टेशन को एंट्रेस कर रही थी कि इंजन हांफना शुरू हो गया।
मालगाड़ी के ड्राइवर ने इंजन को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश की परंतु लोड अधिक होने के कारण वह बीच में ही रुक गया। उधर, मीरथल स्टेशन की और से ट्रेन को रन थ्रू निकालने के लिए फाटक को बंद करवाया हुआ था। लेकिन गाड़ी बीच में ही फंस जाने के कारण फाटक का लाक खुल नहीं सकता था।
स्टेशन मास्टर ने इसकी जानकारी तुंरत पठानकोट रेलवे को दी जिसके बाद एक एक्स्ट्रा इंजन व डीजल इंस्पेक्टर को भेजा गया। इस दौरान ड्राइवर ने जैसे-तैसे मालगाड़ी को मीरथल स्टेशन की गुडस लाइन तक पहुंचा दिया था। मालगाड़ी स्टेशन पर पहुंच जाने की वजह से दिल्ली के अलावा देश के विभिन्न् राज्यों से जम्मूतवी-कटड़ा जाने वाली ट्रेनों को दूसरी लाइन से संचालन करवाकर गंत्वय तक पहुंचाया गया।
श्रद्वालु राकेश कुमार, मुलख राज, रविन्द्र ¨रकु, यशपाल भंगोत्रा, राकेश कचोत्रा, विवेकशील आदि ने बताया कि फाटक बंद होने के कारण दोनों और इतनी लंबी-लंबी लाइनें लग गई है कि वह चाहते हुए भी वापस नहीं जा सकते।
इस दौरान पठानकोट लोको से पहुंचे डीजल इंस्पेक्टर ने इंजन में आई तकनीकी खराबी को ठीक करके 11 बजे से मीरथल स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी के दोपहर डेढ़ बजे जम्मूतवी की और रवाना किया।
उधर, इस संदर्भ में पठानकोट कैंट रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक अश्वनी कुमार ने कहा कि मालगाड़ी के इंजन में क्या समस्या आई इस पर तो वह स्पष्ट रूप से तो कुछ कह नहीं सकते लेकिन, इतना जरुर है कि ट्रेनों को दूसरी लाइन पर चलाकर संचालन करवाया गया जिससे कोई भी मेन ट्रेन लेट नहीं हुई।