लड़कियों तथा महिलाओं को मनचले युवकों से बचाने के लिए जिला पुलिस का पायलट प्रोजेक्ट मंगलवार से शुरू हो गया है। इसके लिए जिलेभर के महिलाओं के स्कूल एवं कॉलेजों के बाहर महिला पीसीआर की ड्यूटियां लगाई गई है। महिला पीसीआर वॉकी-टॉकी तथा हथियारों से लेस रहेंगी तथा समय-समय पर इस बात को वाच करेगी कि आखिरकार कौन ऐसे युवक हैं जो छेड़छाड़ कर लड़कियों को परेशान करते हैं। इसके लिए तीन टीमें खास तौर पर बनाई गई हैं तथा जिला पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें एक-एक स्कूटी भी दी गई है।
महिला पीसीआर न केवल लड़कियों के स्कूल-कॉलेज के बाहर से मनचलों को भगाएगी, अपितु जरूरत पड़ने पर मुसीबत में आई महिलाओं की शिकायत पर उनके घर भी पहुंच जाएंगी।
जिला पुलिस का इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं पर ऑन रोड क्राइम रोकना है। पिछले कुछ समय से लगातार महिलाओं एवं युवतियों से छेड़छाड़ की शिकायतें मिलने के बाद ही इसे शुरू किया गया है।
युवतियों को खुद लड़ने के लिए करेंगी तैयार
मंगलवार से शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट के तहत महिला पीसीआर की टीम सदस्यों ने स्कूल-कॉलेजों में जाकर अपने मोबाइल नंबर युवतियों को दिए। साथ ही उन्हें जागरूक किया कि यदि वह किसी छेड़छाड़ का शिकार होती हैं तो तुरंत ऐसे युवकों पर टूट पड़े तथा मजनुओं को मौके पर ही सबक सिखाएं। साथ ही उन्हें फोन भी करें, ताकि ऐसे युवकों को वह जेल की सलाखों के पीछे बंद कर सकें। उन्होंने लड़कियों को खुद अपनी रक्षा करने के लिए मजबूत होने के लिए प्रेरणा भी दी।
मॉल तथा बाजारों में सक्रिय रहेगी टीम
महिला टीम की सदस्यों ने बताया कि वह स्कूल तथा कॉलेज स्टार्ट होने से लेकर छुट्टी से एक घंटा पहले वहां पहुंच जाएंगी। इसके साथ ही वह सायंकाल मॉल एवं संक्रीण बाजारों में शॉ¨पग के लिए आने वाली महिलाओं से छेड़छाड़ को भी रोकेंगी। सुबह 8 बजे से सायं 5 बजे तक जहां इन पीसीआर टीमों की ड्यूटी शिक्षण संस्थानों के बाहर होगी वहीं सायं पांच बजे के बाद वह बाजारों में खरीददारी करने आने वाली युवतियों एवं महिलाओं को भी सुरक्षा कवच पहनाएंगी।
बढ़ाई जा सकती है टीमों की संख्या: एसएसपी
एसएसपी नीलांबरी विजय जगदले ने कहा कि फरवरी अंत तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन टीमें काम करेगी। इसके बाद फीडबैक लेकर इन टीमों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। साथ ही यदि कोई महिला किसी मुसीबत में है तो वह भी इन टीमों को फोन कर अपनी समस्या से अवगत करवा सकती है। जरूरत पड़ने पर ये महिला पीसीआर संबंधित पुलिस थानों से संपर्क कर अन्य फोर्स की सहायता भी ले सकेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ तथा उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाना है।