अब पंद्रह मिनट पहले पहुंचेंगी ट्रेनें

जालंधर-पठानकोट रेल सेक्शन पर स्थित ब्यास दरिया पर पुल और ट्रैक का काम पूरा
-इसी माह सीआरएस करेंगे पुल और रेल ट्रैक का ट्रायल : एडीईएन
विनोद कुमार, पठानकोट
जालंधर-पठानकोट रेल सेक्शन पर स्थित ब्यास दरिया पर चार वर्षो से बन रहे रेलवे पुल व ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इस वजह से अब सभी गाड़ियां मानसर हाल्ट पर बिना रुके पठानकोट कैंट रेलवे स्टेशन के लिए प्रस्थान करेंगी। जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह में चीफ रेलवे सेफ्टी नई दिल्ली इंजन में बैठकर पुल तथा रेल ट्रैक का निरीक्षण व ट्रायल करेंगे। नए पुल से ट्रेनों का आवागमन शुरू होते ही लंबी दूरी की ट्रेनों की दस से पंद्रह मिनट की समय की बचत होगी। ब्यास रेलवे पुल का निर्माण कार्य पूरा होने की पुष्टि असिस्टेंट डिवीजनल इंजीनियर (एडीएईन) ठाकुर भान ¨सह ने की। गौर हो कि करीब 112 किलोमीटर लंबे पठानकोट-जालंधर रेल सेक्शन का दोहरीकरण करने का काम वर्ष 2010 में ही पूरा कर लिया गया था। केवल ब्यास पुल का ही काम शेष रह गया था। वर्ष 2012 के अंत में इस पुल का काम शुरू किया गया, लेकिन फंड व दरिया में पानी आने के कारण लगभग डेढ साल लेट हो गया। इस वजह से जालंधर से आने वाली सभी रेलगाडियों को मानसर हाल्ट पर तब तक रोकना पड़ता है, जब तक कि उसे मीरथल स्टेशन के स्टेशन मास्टर से हरी झंडी नहीं मिल जाती। इससे कई बार तो मीरथल रेलवे स्टेशन ज्यादा व्यस्त हो जाने की स्थिती में रेलगाड़ियों को पंद्रह मिनट से भी ज्यादा देरी तक रुकना पड़ता है। इस वजह से यात्रियों का काफी समय बर्बाद होता था। ब्यास पुल शुरूहोने के बाद जालंधर-पठानकोट सेक्शन का पूरी तरह से दोहरीकरण हो जाएगा।
पुल शुरूहोने से बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड : इंजीनिय¨रग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में पठानकोट- जालंधर रेल सेक्शन पर चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हैं, लेकिन ब्यास पुल न होने के कारण भंगाला से मीरथल तक यानी छह किलोमीटर की दूरी ट्रेन जहां 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है, वहीं अधिकांश बार उसे हाल्ट पर रुकना पड़ता है। अब जब पुल का निर्माण पूरा हो गया है तो ऐसे में ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *