शिक्षा विभाग की ओर से जिला भर के समस्त सरकारी, एडिड, अनएडिड तथा मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए नया फरमान जारी किया गया है। इस नए फरमान के तहत अब प्रत्येक स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के स्कूल तक पहुंचने के लिए प्रयोग में आने वाले प्राइवेट ऑटो, बस अथवा अन्य वाहनों के लिए स्कूल प्रबंधकों पर नजर रखनी होगी।
यदि किसी स्कूली वाहन के साथ दर्दनाक घटना घटित होती है तो उस घटना संबंधी स्कूल प्रंबधन भी पूरी तरह से जिम्मेवार होगा, स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ अभिभावकों भी इसके लिए बराबर के जिम्मेदार होंगे।
ये आदेश गत 28 जुलाई 2017 को पंजाब राज्य बाल अधिकार कमिशन के चेयरपर्सन तथा जिला स्तरीय गठित की गई टीम की ओर से पठानकोट का खास तौर पर दौरा करने के उपरांत जारी हुए हैं। जांच में अधिकारियों ने चै¨कग के दौरान पठानकोट में स्कूली वाहनों में कई अनियमिताएं पाई तथा वाहनों को जब्त करने के साथ-साथ कई स्कूली बसों के चालान भी काटे थे।
इस जांच के बाद अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि पठानकोट में सेफ स्कूल वाहन स्कीम की पालना नहीं हो पा रही। इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से जारी हुकमों की पालना करवाने के लिए ये पत्र जारी हुआ। वाहनों की जांच करने के लिए प्रत्येक स्कूल को कमेटी का गठन करना होगा। ये कमेटी प्राइवेट स्तर पर स्कूल में बच्चों को लाने वाले वाहनों पर भी नजर रखेगी।