पहले चुनाव ड्यूटी और अब इलेक्शन खत्म होने के बाद भी कई सरकारी कार्यालयों में कामकाज न होने से जनता त्रस्त है। कई विभागों के डी¨लग हैंड अधिकारियों की ड्यूटियां चुनाव में लगने की वजह से वह नियमित तरीके से सीट पर नहीं बैठ रहे। इस कारण लोगों के एक दिन में होने वाले कार्य कई दिन नहीं हो पा रहे।
इलेक्शन में ड्यूटी होने की वजह से कभी कर्मचारी चुनावी ड्यूटी में होते हैं तो कभी अधिकारी। इस कारण दोनों का मेल नहीं हो पा रहा, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इलेक्शन के चलते आज भी शगुन स्कीम, बिजली बिल माफी, जन्म-प्रमाण पत्र व चुनाव से पहले अब कई सड़कों के नवीनीकरण के काम अधर में लटके हुए हैं।
कस्बा नरोट जैमल ¨सह के पावरकॉम कार्यालय में बिजली बिल माफी के लिए आवेदन करने वाले किशन चंद निवासी सुंदरचक्क मेहता का कहना है कि बिजली बिल माफी के लिए 15 दिन पहले कार्यालय में फाइल जमा करवाई थी। इलेक्शन से पहले जब फाइल जमा करवाई थी तो जवाब मिला कि स्टाफ कम है। इलेक्शन के बाद काम का पता करना। अब पता किया तो जवाब मिला कि अधिकारी की इलेक्शन में ड्यूटी लगी है। इस लिए जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता तब तक हालात ऐसे ही चलेंगे।
पावरकॉम के नियमों के मुताबिक बिजली बिल माफ करने के लिए उपभोक्ता की ओर से जिस दिन फाइल जमा करवाई जाती है उसके अगले दिन ही उसे प्रॉसेस में डाल दिया जाता है। यानि कि जिस काम को दो दिन में होना चाहिए उस काम के लिए लोगों को बीस दिन से भी अधिक का समय लग रहा है।
इसी प्रकार सीमावर्ती क्षेत्र के गांव प्लाह की दर्शना देवी का कहना है कि पंजाब सरकार की ओर से बेटियों को मिलने वाले शगुन स्कीम के तहत अपनी बेटी ममता की भी फाइल जमा करवाई थी। उम्मीद थी कि चुनाव से पहले फाइल पास हो जाएगी जो नहीं हो पाई। अब भी फाइल वहीं खड़ी है जहां पहले खड़ी थी। दर्शना देवी का कहना है कि अब उन्हें जवाब मिल रहा है कि बीबी थोड़ा इंतजार करो नई सरकार ही अब तुम्हारी बेटी को शगुन स्कीम के पैसे देगी।
सरकारी नियमों के तहत शगुन स्कीम की फाइल को एक माह के भीतर पास करना होता है, लेकिन दर्शना को इलेक्शन के चलते तीन माह से भी अधिक इंतजार करना पड़ा। इलेक्शन के कारण जिन लोगों के काम नहीं हो रहे उनका कहना है कि इलेक्शन के कारण लोगों के जरूरी काम प्रभावित न हो इसके लिए सरकार व चुनाव आयोग को ध्यान देना होगा, ताकि लोगों को कम से कम परेशानी हो।