नगर सुधार ट्रस्ट की ओर से करीब छह माह पूर्व काली माता मंदिर रोड पर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के उद्देश्य से लगाए गए लोहे के एंगलों का यूज न होने के कारण यह अब बेरीकेटों के नीचे दबकर रह गए हैं। इससे नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा खर्च किए गए हजारों रुपयों पर अब पानी फिरने लगा है।
गौर हो कि कुछेक माह पूर्व ही काली माता मंदिर रोड व स्लिप वे मार्ग पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए लोहे के एंगल बनाए गए थे।
इस पर ट्रस्ट ने करीब 65 हजार रुपये खर्च भी किए। लेकिन हैरानी है कि जिस मकसद के लिए उक्त एगलों पर खर्च किया गया था, वह मकसद आज भी अधूरा पड़ा है।
इन एंगलों का अब किसी भी प्रकार से यूज न होने के कारण ये अब बेरीकेट्स के नीचे दब कर रह गए हैं। इनका इस्तेमाल न तो ट्रैफिक कर्मी कर रहे है तथा न ही अब इसकी और नगर सुधार ट्रस्ट ध्यान दे रहा है।
यही नहीं डल्हौजी रोड से काली माता मंदिर की और जाने वाली ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए स्लिप वे मार्ग को तैयार किया गया था। परंतु इस रोड की हालत भी अब इतनी खस्ता हो चुकी है कि वह जगह जगह से टूटी पड़ी है। इस रोड की दशा को सुधारने के लिए अभी तक न तो जिला प्रशासन तथा न ही नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा कोई उचित कदम उठाया गया है।
अटल महाजन, रमेश कुमार, सुरेंद्र पाल, अमरीक ¨सह व नरेश कुमार ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि एक तरफ जिस मकसद के लिए लोहे के एंगलों पर खर्च किया गया है, उनका यूज शुरू किया जाये।
दूसरा स्लिप वे मार्ग की हालत को अतिशीघ्र सुधारा जाए, ताकि रोजाना नित्य प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। इस संदर्भ में जब दैनिक जागरण की ओर से नगर सुधार ट्रस्ट के एक्सियन सतपाल से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क स्थापित नहीं हो सका।