पनीरीखोदकर लगाने के एक सप्ताह तक पानी लगातार खेत में खड़ा रखें तथा अगला पानी तब दें, जब पहला पानी लगाए हुए दो दिन हो गए हों। किसानों को उक्त जानकारी डॉ. अमरीक सिंह खेतीबाड़ी अफसर ने सावन मुहिम के तहत चलाई जा रही मुहिम के तहत ब्लाक पठानकोट के गांव बारठ साहिब में लगाएं गांव स्तरीय सिखलाई कैंप में हाजिर किसानों को दी। डॉ. अमरीक सिंह ने कहा कि धान, गेहूं के फसली चक्र कारण धरती के नीचे पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। भूमि की सेहत खराब हो रही है, सिफारिशों के विपरीत कीटनाशक रसायन एवं खादों के अंधाधुंध प्रयोग से जहां खेती की लागत खर्चे बढ़ रहे हैं, वहीं खेती से शुद्घ आमदन कम हो रही है। उन्होंने कहा कि धान/बासमती की फसल से अधिक पैदावार हेतु रसायनिक खादों खास करके यूरिया खाद को सही मात्रा में सही समय पर डालना चाहिए। डॉ. संदीप सिंह ने कहा कि धान में नदीनों की रोकथाम हेतु छिड़काव से पहले फसल में खड़े पानी को निकाल देना चाहिए तथा छिड़काव से अगले दिन पानी लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चौड़े पत्ते वाले एवं सारे नदीन की रसायनिक तरीके से रोकथाम वाले नदीन नाशकों को 150 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इस अवसर पर डॉ. संदीप खेतीबाड़ी विकास अफसर, बलविन्द्र खेतीबाड़ी उपनिरीक्षक, रिंकू सेक्रेटरी सहकारी सभा, रविन्द्र प्रताप, अजय प्रताप, सुभाष कुमार सहित किसान भी उपस्थित थे।
किसानों को जानकारी देते डॉ. अमरीक सिंह
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