दिवंगत भाजपा नेता व अभिनेता विनोद खन्ना को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार दोपहर बाद गुरु करतार फार्म लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सभा में भजन गायक अनूप जलोटा ने भजन गायन किया। श्रद्धांजलि सभा में पंजाब भाजपा के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, शिअद प्रधान व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पंजाब भाजपा के प्रभारी प्रभात झा, पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, जिला भाजपा अध्यक्ष अनिल रामपाल, प्रमोद खन्ना, स्वर्ण सलारिया, मंजीत सिंह राय, जीवन गुप्ता, मनोरंजन कालिया, अनिल जोशी भी पहुंचे। लोगों ने विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना व बेटी श्रद्धा से शोक संवेदना प्रकट की।
दिवंगत विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना ने कहा कि वह उनके जीवन में पति के रूप में ही नहीं थे, बल्कि वह उनके गुरू और शिक्षक भी थे। वह ओशो के अनुयायी थे। ओशो ने उन्हें गद्दी सौंपने की बात भी कही थी। कविता खन्ना ने कहा कि विनोद खन्ना ध्यान में रहते थे। उनका शरीर जरूर कमजोर हुआ, लेकिन आत्मबल उनमें अंत तक था। आध्यात्मिक ध्यान के जरिये ही उन्होंने अपने शरीर को भी छोड़ा।
नेताओं ने कहा कि संसदीय हलके के लोग विनोद खन्ना को कभी नहीं भूल पाएंगे। सलारिया ने कहा विनोद खन्ना का कार्यकाल गुरदासपुर के विकास में स्वर्णिम कार्यकाल कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि विनोद खन्ना एक दूरदर्शी नेता और सफल अभिनेता व मंझे हुए राजनीतिक थे। सुखबीर बादल ने कहा कि विनोद खन्ना ने कभी किसी का बुरा नहीं सोचा। वह हमेशा जनता के प्रति समर्पित रहे।
पंजाब भाजपा के प्रभारी प्रभात झा ने कहा कि वह एक सफल पिता, बेटा, पति, भाई, अभिनेता और नेता साबित हुए। उन्होंने उनके जीवन को आमजनों के लिए एक प्रेरणा करार देते हुए सांसद की पत्नी कविता खन्ना से अपील की कि वह विनोद खन्ना के जीवन पर एक ऐसी पुस्तक तैयार करें जो अगामी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा दायक साबित हो।
पठानकोट की परंपरा से थोड़ा हट कर हुए इस जीवन उत्सव कार्यक्रम में अनूप जलोटा ने भजनों के बीच लड़ी जोड़ते हुए बताया कि वह खुद और खन्ना परिवार किस प्रकार मानते हैं कि विनोद खन्ना की मृत्यु नहीं अपितु उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन के दौरान विनोद खन्ना ने सारी इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर ली थी। जब जीवन जीते जी व्यक्ति इच्छाओं से ऊपर उठ जाता है तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है। विनोद खन्ना ऐसे भाग्शाली आत्मा थे।
बता दें, विनोद खन्ना का 27 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र से चार बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। वह केंद्र में मंत्री भी रह चुके थे। फिल्म स्टार एवं सांसद विनोद खन्ना के मित्र डॉ. केडी सिंह ने कहा कि खन्ना जिंदगी के आखिरी दिनों तक अपने हलके के लोगों से मिलने को उत्सुक रहे। वह हलके के लोगों को बहुत इज्जत देते थे।
मुंबई में संसदीय हलके का कोई व्यक्ति उन्हें मिलने के लिए पहुंचा तो उन्होंने उसे सिर आंखों पर बिठा लिया। डॉ. केडी ने कहा कि वह सांसद विनोद खन्ना के ट्रीटमेंट से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि यूं तो सांसद को दुनिया का बेस्ट ट्रीटमेंट मिला, परंतु यह ट्रीटमेंट बहुत देरी से शुरू हुआ।
खन्ना को यूरीनरी ब्लैडर का कैंसर था। साथ ही, पेट की अंतड़ियों की भी शिकायत रही। सांसद तथा परिवार यही समझता रहा कि वह अंतडिय़ों के रोग के कारण परेशान हैं। पूरा परिवार अतंडिय़ों का इलाज वैकल्पिक चिकित्सा के सहारे करवाता रहा और इसी बीच कैंसर बढ़ता रहा। वैकल्पिक चिकित्सा लेने के लिए जर्मनी तक गए। अंतत: वह बच नहीं सके। उनका सारा इलाज ऐलोपैथी पद्धति के जरिये होता तो शायद वह ठीक हो जाते।