विगत दिनों तेज धूप निकलने व शिवालिक की पहाड़ियों पर जमा हुई बर्फ पिघलने के बाद आरएसडी झील के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
आने वाले दिनों में झील का जलस्तर और बढ़ेगा क्योंकि बरसात में हिमाचल प्रदेश में होने वाली बारिश का सारा पानी झील में समा जाता है। पानी की बढ़ोतरी के साथ-साथ परिस्थितियों से निपटने के लिए आरएसडी प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। इस बात की पुष्टि आरएसडी परियोजना के एसई हैड क्वाटर रोशन लाल मित्तल ने की।
आंकड़ों पर नजर दोड़ाई जाये तो 10 अप्रैल 2017 को रणजीत सागर बांध परियोजना का जल सत्र 510.60 मीटर था और बांध परियोजना की झील मे 9219 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था। परियोजना की और से 612440 यूनिट बिजली उत्पादन कर माधोपुर को 1095 क्यूसिक पानी छोड़ा। 11 अप्रैल को रणजीत सागर बांध परियोजना का जल सत्र 510.96 मीटर था और बांध परियोजना की झील मे 8262 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था और परियोजना द्वारा 712840 यूनिट बिजली उत्पादन कर माधोपूर को 961 क्यूसिक पानी छोड़ा।
12 अप्रैल को रणजीत सागर बांध परियोजना का जल सत्र 511.21 मीटर पर आ गया। बांध परियोजना की झील मे 6202 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था और परियोजना द्वारा 592360 यूनिट बिजली उत्पादन कर माधोपूर को 1036 क्यूसिक पानी पावर हाउस के जरीये छोड़ा गया। 13 अप्रैल को रणजीत सागर बांध परियोजना का जल सत्र 511.52 मीटर आ गया।
बांध परियोजना की झील मे 7674 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था और परियोजना द्वारा माधोपूर को मात्र 874 क्यूसिक पानी पावर हाउस के जरीये छोड़ कर 602400 यूनिट बिजली का उत्पादन किया। इसी प्रकार 14 अप्रैल को रणजीत सागर बांध परियोजना की झील का जल सत्र 511.92 मीटर पर आ गया और बांध परियोजना की झील मे 9881 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था जब कि 14 अप्रैल को बांध परियोजना की और से 692760 यूनिट बिजली उत्पादन के बाद 1304 क्यूसिक पानी माधोपुर को छोड़ा।
आएसडी परियोजना के एसई आरएल मित्तल का कहना है कि आने वाले दिनों में जैसे-जैसे धूप निकलेगी या अन्य स्रोतों से पानी की आमद होगी तो झील का जल सत्र बढेगा। क्योंकि बरसात के साथ साथ धूप निकलने के कारण पहाड़ों से बर्फ पिघल कर पानी के रूप मे झील मे आना अभी बाकी है।
उन्होंने कहा कि रणजीत सागर झील का जल सत्र आने वाले समय मे बिजली संकट से निपटने मे सक्षम है।