टीबी का इलाज संभव

टीबी की रोकथाम व उसके इलाज संबंधी लोगों को जागरूक करने के लिए बुधवार को एमडीआर जागरुकता वैन को सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कांसरा ने हरी झंडी देकर रवाना किया। टीबी अधिकारी डॉक्टर दीपक मन्हास ने बताया कि ऑडियो-वीडियो सिस्टम के साथ लैस यह वैन माइक्रोप्लान के मुताबिक पठानकोट के अलावा सुजानपुर, जुगियाल जाकर आइईसी पब्लिसिटी मटीरियल से टीबी की बीमारी और रोकथाम के बारे लोगों को जागरूक करेगी। उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी इलाज योग्य है और इसका सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज किया जाता है।

उन्होंने बताया कि डॉटस का इलाज शुरू करते ही टीबी के इंफैक्शन की संभावना कम हो जाती है। इसके लिए यह बहुत ही जरूरी है कि टीबी के इलाज के लिए डॉटस कोर्स को पूरा किया जाए।

एसएमओ डॉक्टर भू¨पद्र ¨सह ने कहा कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, हलका हलका बुखार, रात को तरेलियां आना, वजन में लगातार गिरावट, भूख न लगना आदि टीबी की बीमारी होने के लक्षण है। उन्होंने टीवी के मरीज के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करने की अपील की बल्कि उसके साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए क्योंकि टीबी हारेगा देश जीतेगा। ज्यादा जानकारी के लिए टीवी हेल्प नंबर 1800116666 पर भी संपर्क किया जा सकता है। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डॉ. नैना सलाथिया, जिला एपीडीमोलोजिस्ट डॉ. सुनिता शर्मा, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. अरूण सोहल, जिला डेंटल अधिकारी डॉ. डोली अग्रवाल, एसएमओ डॉ. भू¨पद्र ¨सह, नोडल अधिकारी काया कल्प डॉ. सुख¨जद्र ¨सह, चीफ फार्मासिस्ट विद्याधर व अन्य उपस्थित थे।

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