सीमावर्ती क्षेत्र में गांव को आपस में जोड़ने के लिए क्षेत्र में बहते नाले और कूलों पर बने काजवे पुल फंड के अभाव के कारण पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं।
इनके क्षतिग्रस्त होने के कारण दर्जनों गांवों का आपसी संपर्क टूटने का खतरा मंडरा रहा है और इनकी जर्जर हालत के चलते आए दिन दुर्घटना हो रही है।
स्थानीय लोक निर्माण विभाग अभी इनकी रिपेयर करवाता दिखाई नहीं देता। जानकारी के मुताबिक सीमावर्ती क्षेत्र के अधिकतर गांव को आपस में जोड़ने के लिए एरिया में बहते नदी नाले पर तकरीबन आधा दर्जन छोटे पुलों का निर्माण करवाया गया है।
पिछले कई वर्षो से इन पुलों की रिपेयर के लिए सरकार द्वारा कोई फंड मुहैया नहीं करवाया गया। इसके चलते उनकी हालत काफी खराब हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक नरोट जैमल ¨सह से मान ¨सह पुर गांव सहित भगवानपुर अंतोर मिर्जापुर के रास्ते बमीर गांव जाने के लिए यहां बहते ¨सगारमां नाले पर काजवे पुल का निर्माण करवाया गया है।
इसी प्रकार भारत-पाक सीमा के गांव ¨टडा जाने के लिए बनाई गई सड़क पर बहते नाले पर इसी प्रकार के पुल का निर्माण करवाया गया है। गांव मंगलवा समेत नजदीकी गांव को जाने के लिए सड़क पर भी ऐसा ही पुल बहते नाले पर बनाया गया है।
ऐसे ही करीब आधा दर्जन पुल इस एरिया में बनाए गए हैं ताकि बरसात के मौसम में सीमावर्ती गांव का आपसी संपर्क कर बना रहे। करीब 15 साल पहले बनाए गए इन पुलों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यह पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं।
This is a truth of government of Pathankot…(bad news)