वर्ष 8 नवंबर को भारत सरकार की ओर से पांच सौ ओर एक हजार रुपए के पुराने नोट बंद करने के बाद मार्केट में 86 फीसद चलन बाहर होने से नोटों की पूर्ति करना आरबीआइ के लिए बड़ी चुनौती बन गया था। आरबीआइ ने अपनी प्रेस को चौबीस घंटे चलाने के साथ-साथ जहां ज्यादा दिक्कत थी, वहां हवाई जहाजों से पैसे पहुंचाकर स्थिति को सामान्य बना दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय डायरेक्टर निर्मल चंद ने सोमवार को अपने पठानकोट दौरे के दौरान यह बात कही। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रदेश के बड़े शहरों के बजाय पठानकोट में सेमिनार करवाए जाने पर उनका कहना था कि यह हरियाणा और पंजाब में इस तरह का सातवां सेमिनार है। सेमिनार के दौरान पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जेएंडके से संबंधित कई लीड बैंकों के अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य बैंक कर्मचारियों/ अधिकारियों का उद्यमियों, कारपोरेटर व आम जनता में आपसी सहयोग को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना है।
क्षेत्रीय डायरेक्टर निर्मल चंद ने बताया कि नोटबंदी के बाद भारत सरकार व आरबीआइ देशवासियों को कैश की बजाय कैशलेस के जरिए अपनी ट्रांजेक्शन करने के लिए प्रेरित कर रहा है। इससे जहां जनता को नोटबंदी के कारण पेश आ रही समस्याओं से निजात मिलेगी, वहीं काम में पूरी तरह से पारदर्शिता आएगी। कैशलेस मशीनों की कमी के कारण लोगों को पेश आ रही समस्या को मानते हुए उन्होंने कहा कि मशीनों की संख्या में बढ़ोतरी करने पर जोर दिया जा रहा है।
दस रुपए के सिक्का लेने से मना करने वाले बैंक तथा दुकानदारों से लोगों को पेश आ रही परेशानियों पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई दुकानदार अथवा बैंक ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ आरबीआइ को शिकायत करें। शिकायत मिलते ही उक्त बैंक व दुकानदार पर कार्रवाई की जाएगी। दस रुपए का सिक्का भारत की करंसी है जिसे लेने से कोई भी मना नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी होने के बाद अचानक मार्केट से 86 फीसद मनी का चलन रुक गया, जिस कारण स्थिति खराब हुई है।
RBI ne bht vadiya kam kitta hai lokan nu skun da sah aaya hai