गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी कालेज नरोट जैमल सिंह में रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था नहीं है। इससे हर वर्ष हजारों गैलन पानी बर्बाद हो जाता है। हालांकि सरकार की ओर से अब बारिश का पानी बचाने की मुहिम शुरू की है, लेकिन यहां इमारत के निर्माण के समय रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था नहीं की गई थी। यदि इसकी व्यवस्था कर दी जाए तो हर वर्ष हजारों गैलन पानी बचाया जा सकता है। मौजूदा समय में बरसात का पानी बर्बाद होकर नालों में बह जाता है। कालेज परिसर में कई अति सुंदर बगीचे व पार्क बने हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कालेज परिसर में कई वृक्ष भी लगाए गए हैं। बारिश का पानी बचा कर उस पानी को यहां इस्तेमाल करके पानी का सदुपयोग हो सकता है। क्षेत्रवासी सुभाष शर्मा, जनक राज, चमन लाल, श्यामलाल इत्यादि ने कहा कि मौजूदा समय में जिस प्रकार भूजल स्तर नीचे गिर रहा है व छोटे बड़े नदी नाले में पानी की कमी पैदा हो गई है। यह आगामी समय में चिता का विषय होगा। बारिश का पानी बहुमूल्य है, लेकिन हर ज्यादातर बरसात में बारिश का पानी इस्तेमाल में न आकर बेकार चला जाता है। सरकार ने बारिश का पानी बचाने की मुहिम शुरू करके सराहनीय काम किया है। सरकार को इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए बारिश का पानी बचाए जाने और इस पानी को दूसरे कार्य में इस्तेमाल किए जाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था बड़े स्तर पर करनी चाहिए। खासकर सरकारी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिग बनाए जाने चाहिए, क्योंकि जल ही जीवन है। इसलिए जीवन को बचाने के लिए जल को बचाना अति जरूरी है।